जाहिद ने ‘वक्फ बिल’ के लिए मोदी की तारीफ की थी। जाहिद पिटे! कर्नाटक के अनवर ने वक्फ कानून का समर्थन किया तो उसे धमकियां मिलीं! एक पक्षधर का घर जला दिया गया, एक की कार तोड़ दी गई! एक एंकर: क्या यही मुहब्बत की दुकान है! एक वक्फ विरोधी: हमले की जांच हो, हमने चेतावनी दी थी कि हम सड़कों पर आएंगे, जब तक बिल वापस नहीं होता, हम किसानों की तरह धरना देंगे, जान दे देंगे! एक बड़े मुसलिम नेता ने कहा कि यह ‘कानून पर कब्जा’ है, तो दूसरे नेता ने कानून को ‘हिंदुत्व’ से जोड़ दिया। एक बहस में एक ‘वक्फ कानून समर्थक’: वे कह रहे हैं कि सड़कों पर उतरेंगे तो पुलिस के डंडे भी देखिएगा!
अलग-अलग तर्क और अलग-अलग समझ
एक एंकर: गरीब पसमांदा मुसलमान, औरतें वक्फ कानून का स्वागत कर रहे हैं, सिर्फ कुछ ताकतवर मुसलमान विरोध कर रहे हैं। वे ही सारी आमदनी पर बैठे हैं। यह कानून ‘कुछ की इजारेदारी’ खत्म कर देगा। वक्फ के कामकाज में पारदर्शिता आएगी… इसलिए विरोध है। यह कानून वक्फ के प्रबंधन के लिए है, किसी धर्म के खिलाफ नहीं। सत्ता-दल का एलान कि दल के नेता मुसलिम जनता के बीच जाकर वक्फ कानून के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाएंगे। इधर ‘वक्फ कानून’ है, उधर ‘धमकियां’ हैं। पुलिस का बंदोबस्त है और एक उम्मीद है कि एक बार फिर सब शांति से गुजर जाना है।
PM Modi In Rameshwaram: ’10 साल में देश की अर्थव्यवस्था दोगुनी हुई’, रामेश्वरम में बोले पीएम मोदी
फिर रानमवमी का दिन और प्रधानमंत्री का ‘रामेश्वरम्’ को जोड़ने वाले हाईटेक ‘पंबन पुल’ का लोकार्पण… और फिर ‘रामनवमी’ का विशेष दिन: अयोध्या में ‘रामलला’ का ‘सूर्यकिरण तिलक’, आरती और दर्शनार्थियों की भीड़। एक चैनल की खबर कि रामनवमी के दिन पच्चीस हजार शोभा यात्राओं की संभावना… अकेले बंगाल में दो-ढाई हजार शोभायात्राओं की संभावना!
इधर धर्म का ‘स्टाक’ जोरों पर, उधर ‘ट्रंप’ की ‘शुल्क लीला’ से दुनिया के स्टाक के डूबने, अरबों-खरबों के डूबने की चर्चा… फिर भी कई कहिन कि यह ट्रंप की ‘अस्थायी शुल्क लीला’ है कि ‘इंडिया’ को अपने पत्ते चतुराई से खेलने होंगे। बाजार फिर उठने लगे! एक चैनल पर एक बडे ‘अर्थशास्त्री’ कहिन कि यह ट्रंप का ‘सेल्फ गोल’ है!
आखिर आपस में ही क्यों भिड़ गए TMC के सांसद? बीजेपी नेता अमित मालवीय ने किया बड़ा दावा
फिर एक दिन तृणमूल कांग्रेस के तीन सांसदों ने दिल्ली चुनाव आयोग के बाहर आपसी ‘तू-तू मैं-मैं’ की ऐसी फुटबाल खेली और सबको पता चल गया कि तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं। जिस तृणमूल नेता ने कुछ पहले राज्यसभा के ‘चेयरमैन’ की नकल कर उनकी ‘बाडी शेमिंग’ कर तालियां बटोरीं, उन्होंने उस दिन अपने ही दल की एक महिला सांसद द्वारा बीएसएफ को यह कहते सुना कि ‘इसे अरेस्ट करो…’, वे भी उन महिला सांसद को ‘इंटरनेशनल ग्रेड’ की कहने से न हिचके और एक तीसरे सांसद भी उनसे एकदम सड़क छाप भाषा में भिड़े रहे। एक एंकर ने ही बताया कि इस घटना का वीडियो भी किसी अंदर वाले ने बनाया, जिसे भाजपा के मीडिया सेल प्रमुख को भेजा गया।
अथ ‘बचाओ बचाओ’ अधिवेशन कि गांधी हमारे, पटेल हमारे… और फिर ‘छोड़ गए ओबीसी… हमें अकेला छोड़ गए… हमें चाहिए ‘जातिगणना… जातिगणना… जातिगणना…’, फिर ‘संविधान दिखाओ’ फिर ‘संविधान बचाओ’, फिर उवाच कि संविधान 1947 में किसी दिन बना… संविधान हजारों बरस में बना… नानक, कबीर, बुद्ध, महावीर के विचारों से बना! भाजपा प्रवक्ता की बीच में टीप कि संविधान 1949 में बना… इसी दिन संविधान दिवस मनाया जाता है…‘सैंतालीस में बना’ कहकर संविधान का अपमान किया। एक एंकर: ये तो कहते थे कि ‘इंडियन स्टेट से लड़ना है! एक ओर स्टेट से लड़ने की बात, दूसरी ओर संविधान बचाने की बात! है न गजब की उलटबांसी! फिर एक दिन सर्वोच्च अदालत ने तमिलनाडु के राज्यपाल की आलोचना की कि राज्य सरकार के दस कानूनों पर राज्यपाल का अनंत काल तक चुप बैठे रहना ‘गैर कानूनी’ है! चैनलों ने लिखा: मुख्यमंत्री स्टालिन की जीत! राज्यपाल की…‘देर आयद दुरुस्त आयद..!’
आखिरकार 26/11 के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का अमेरिका की जेल से प्रत्यर्पण। उसके प्रत्यर्पण की पल-पल की खबर देने को आकुल एंकर-रिपोर्टर। विशेष विमान से विशेष सुरक्षा के साथ हवाईअड्डे पर उसे उतारना, फिर उसका चिकित्सीय परीक्षण होना, फिर देर रात पटियाला हाउस में पेश किया जाना और अदालत से एनआइए द्वारा अठारह दिन की हिरासत में लेना और पूछताछ जारी। फिर ‘प्रत्यर्पण’ का श्रेय लेने के लिए सत्ता-प्रवक्ता और विपक्ष प्रवक्ताओं का टकराव। विपक्ष कहिन कि ‘यूपीए’ के समय ही अमेरिका को प्रत्यर्पण के लिए लिखा… भाजपा कहिन कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही कहा था कि प्रत्यर्पण कराके लाएंगे और ले आए… मोदी है तो मुमकिन है..! इन दिनों अपने यहां हर बात पर ‘श्रेय’ की ऐसी ही लड़ाई होती है, जिसे देख दुश्मन भी हंसता है!