Bhutadi Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि पितरों की समर्पित है। अमावस्या के दिन दान-धर्म करने से देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने का विशेष महत्व होता है। वही इस बार चैत्र के महीने में पड़ने वाली अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है। इस अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के साथ भौमवती अमावस्या भी कहते हैं। मान्यता है नकारात्मक शक्तियां या अतृप्त आत्माएं अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को निशाना बनाती हैं। वहीं भूतड़ी अमावस्या के दिन शुक्ल और सिद्धी योग बनेंगे। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और महत्व…
भूतड़ी अमावस्या तिथि 2023 (Bhutadi Amavasya 2023 Tithi)
वैदिक पंंचांग के अनुसार भूतड़ी अमावस्या का आरंभ 20 मार्च रात 1 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है और अगले दिन 21 मार्च रात 10 बजकर 54 मिनट पर ये समाप्त हो रही है। इसलिए भूतड़ी या चैत्र अमावस्या 21 मार्च को ही मनाई जाएगी।
जानिए भूतों से क्या है संबंध
हिंदू धर्म में मान्यता है कि जो लोग अकाल मृत्यु मरते हैं या क्रिया- कर्म सही से नहीं किया गया है। वो लोग भूत का रूप ले लेते है। साथ ही ये नकारात्मक शक्ति के रूप में पृथ्वी पर घूमती रहती हैं, क्योंकि उनको मोक्ष नहीं मिल पाता है। आपको बता दें कि हर महीने की हर महीने की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि के दिन अमावस्या पड़ती है। साथ ही इसमें सोमवती अमवास्या और भूतड़ी अमावस्या का विशेष महत्व है। भूतड़ी अमावस्या का संबंध नकारात्मक शक्तियों से माना जाता है। मान्यता है अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियों की ताकत और बढ़ जाती है। अतृप्त आत्माएं अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को निशाना बनाती हैं। इस दौरान आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां उग्र हो जाती हैं। इसलिए इस दिन गंगा में स्नान- दान और पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है।
अमावस्या कर करें ये उपाय
1-अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष हो तो अमावस्या के दिन पितृ दोष शांति कराएं, साथ ही पितरों का श्राद्ध डालें।
2-अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो इस दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए सुबह स्नान के बाद चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करें। इसके बाद इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
3- इस दिन गंगा स्नान करने के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद को कुछ वस्त्र दान करें। साथ ही कुछ दक्षिणा भी दें।