उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने द इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार लिज मैथ्यू से राज्य सरकार द्वारा घातक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने, स्वास्थ्यर्मियों की सुरक्षा और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा की। यहां हम उनसे बातचीत के कुछ अंश बता रहे हैं-

सवाल- उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद अब तक एक हद तक वायरस के प्रसार को रोने में सक्षम है। आपने ये सब कैसे किया?
योगी आदित्य नाथ का जवाब- मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं जिन्होंने इस खतरे को देखते हुए पहले ही आगाह कर दिया था। इसके अलावा भारत में समय-समय पर एक व्यापक कार्य योजना लागू की गई। आज ना सिर्फ भारत की 130 करोड़ की आबादी गर्व महसूस कर रही है बल्कि पूरी दुनिया मोदी जी के उत्कृष्ट नेतृत्व की सराहना कर रही है। कोरना के खतरे को देखते हुए प्रदेश में दस हजार आइसोलेशन बेड हैं। बीस हजार क्वारंटाइन बेड हैं। एक हजार वेंटिलेटर हैं और प्रदेश में 17 टेस्टिंग लैब है। राज्य में अभी तक 60 हजार से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग की जा चुकी है। राज्य में जब कोरोना की आहट सुनाई दी तब हमारे पास एक ही लैब थी जिसमें 50 ही टेस्ट हो सकते थे। मगर आज प्रदेश की 17 लैबों में चार हजार टेस्टिंग रोजाना की जा रही हैं।

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सवाल- क्या राज्य प्रर्याप्त संख्या में टेस्टिंग करने में सक्षम है? क्या आप टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं?
जवाब- हमारे यहां 24 स्टेट मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से दस में टेस्टिंग लैब की व्यवस्था की है। अन्य संस्थानों में भी सात टेस्टिंग लैब हैं। अब चार सरकारी मेडिकल कॉलेज और छह डिविजनल हेडक्वार्टर अलीगढ़, मुरादाबाद, गोंडा, वाराणसी, मिर्जापुर और बरेली में टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही हैं।

सवाल- क्या सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के प्रर्याप्त कदम उठाए हैं?
जवाब- सबसे पहले मैं सभी स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों और नर्सों को धन्यवाद देता हूं जो पूरी निष्ठा के साथ मानवता की सेवा के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हमारी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता राज्य के इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा करना है। हमने कोरोना योद्धाओं को पूरी सुरक्षा दी है। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो कानून के दायरे में सख्त कार्रवाई की गई है।।

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सवाल- राज्य में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के कारण बेरोजगारी बढ़ सकती है। क्या राज्य के पास उनके लिए कोई योजना है?
जवाब- साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश बेरोजगारी की गिरफ्त में था। मगर जब हमने सरकार बनाने के बाद प्रयास किए तो बहुत सारे रोजगार सृजन हुए। जिन मजदूरों की आप बात कर रही हैं उन्हें भी रोजगार मिलेगा। संभावनाओं में कोई कमी नहीं है। चुनौतियां हैं लेकिन हमारे पास कई मौके हैं। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने डोरस्टेप डिलीवरी के जरिए 1.5 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। हम 15 लाख लोगों को तत्काल रोजगार देने की स्थिति में हैं। सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा, एमएसएमई उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से किए गए कार्यों में भी बहुत अवसर हैं। लॉकडाउन के बाद कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं आपके माध्यम से सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भविष्य में यूपी में किसी भी मजदूर को रोजगार की समस्या नहीं होगी। अंग्रेजी में पूछा साक्षात्कार आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते है।