Coronavirus Lockdown: ‘पिछले 14 सालों से मुझे एचआईवी है। ये पहली बार है जब मैं बहुत डरा हुआ हूं।’ ये शब्द हैं इस बीमारी से जूझ रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग के, जो करीब 1200 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के सतना जाने के लिए मुंबई से पैदल निकल पड़े हैं। हालांकि मार्च महीने की तुलना में अप्रैल में महाराष्ट्र की सड़कों पर कम प्रवासी मजूदर सड़कों पर नजर आए। देश में घातक कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया है। पहला लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो गया था।
60 वर्षीय बुजुर्ग उन सैकड़ों लोगों में शामिल हैं जिन्हें गुरुवार को मुंबई-आगरा हाईवे पर पैदल जाते हुए देखा गया। ये लोग छोटे-छोटे समूहों में उत्तर भारत में स्थित अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं। चिलचिलाती गर्मी के बीच मुंबई से भिवंड़ी तक 36 किलोमीटर के खंड में पुलिस ने इन लोगों का पीछा किया मगर ये अपने घरों की ओर चलते रहे। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि वो अपने घरों में ही रहें।
एचआईवी पीड़ित बुजुर्ग लॉकडाउन से पहले मुंबई में एक निर्माण स्थल पर अपने बेटे के साथ काम करते थे। अब बेटा भी उनके साथ पैदल ही घर की तरफ निकल पड़ा है। बुजुर्ग के बेटे ने बताया, ‘डॉक्टरों ने पिता को पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दी है। मगर 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद ये संभव नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि मैंने पिता को कोरोना संक्रमित होने से बचाने के लिए घर में ही रखा। मगर एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ने के बाद मैंने कहा कि हम अब और यहां नहीं रुक सकते। मैं पिता को अपने कंधों पर ले जाने के लिए तैयार हूं।
मुंबई पुलिस कोशिश कर रही है कि अलग-अलग इलाकों में प्रवासी मजदूरों तक पहुंच बनाई जा सके और उन्हें गांव लौटने से रोकने के लिए मनाया जा सके। एसीपी (सेंट्रल रीजन) विरेश प्रभु ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने प्रवासी लोगों के विभिन्न संगठनों से बुधवार को बैठकें की हैं।
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प्रभु ने बताया कि एनजीओ व सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जा रही है। उनसे कहा जा रहा है कि अपने-अपने इलाकों में मजदूरों को गांव नहीं लौटने के लिए मनाएं और यकीन दिलाएं कि उन्हें खाना-ठिकाना सब मुहैया कराया जाएगा और अगर वे गांव गए तो कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने की मुहिम को नुकसान होगा।
धारावी में यूपी-बिहार आदि राज्यों के प्रवासी मजदूरों के व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए भी उनसे संपर्क रखा जा रहा है। धारावी में देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है और यह इलाका भी कोराना संक्रमण की चपेट में आ चुका है। ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित बता कर पड़ोसियों ने कर दिया बायकॉट, पैदल ही मुंबई से गांव के लिए निकला परिवार