उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की पुलिस व्यवस्था में फेरबदल करते हुए रविवार देर रात 10 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। गृह विभाग की ओर से जारी सूची के मुताबिक महराजगंज के पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान को बरेली का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वह शैलेश कुमार पांडे का स्थान लेंगे जिन्हें गोंडा का पुलिस कप्तान बनाया गया है।

गोंडा के पुलिस अधीक्षक राज करण नय्यर को जौनपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वह अशोक कुमार तृतीय का स्थान लेंगे, जिन्हें आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ में पुलिस अधीक्षक के पद पर नई तैनाती दी गई है। सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ में पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता को महाराजगंज का पुलिस कप्तान बनाया गया है। पुलिस महानिदेशक मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार मौर्य को श्रावस्ती का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वह अनूप कुमार सिंह का स्थान लेंगे, जिन्हें 23वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद का सेनानायक बनाया गया है।

India China Tension LIVE Updates

कासगंज के पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चंद्रभान और मऊ के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर की जिम्मेदारी में अदला-बदली कर दी गई है। वहीं, 23 वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक कुमार अनुपम सिंह को सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ में पुलिस अधीक्षक पद पर नई नियुक्ति दी गई है।

COVID-19 in India LIVE Updates

इसी बीच, खबर है कि योगी ने स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स यानी कि SSF नामक विशेष पुलिस बल गठित कर दिया है। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। यह विशेष फोर्स औद्योगिक प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, मेट्रो और अदालतों सरीखी जगहों पर सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी। खास बात है कि ये फोर्स बगैकर किसी वॉरंट के तलाशी और फौरन गिरफ्तारी कर सकेगी। माना जा रहा है कि 2019 में कुछ घटनाओं के होने के बाद इसका गठन किया गया है।

एसएसएफ का हेडक्वार्टर राजधानी लखनऊ में होगा। अपर पुलिस महानिदेशक स्तर का अफसर इसका चीफ होगा। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया- एसएसएफ को यकीन हो जाए कि क्राइम हुआ है और अपराधी भाग सकता है या हमला कर सकता है तब वह उसके घर की तलाशी के साथ उसे अरेस्ट कर सकेगी। न तो इसके लिए वॉरंट चाहिए होगा और न ही मजिस्ट्रेट की मंजूरी।

जानकारी के मुताबिक, एसएसएफ की सेवाएं अहम प्रतिष्ठानों के साथ निजी कंपनियां भी ले सकेंगी। इसके पास इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ खंडपीठ, जिला अदालतों, प्रशासनिक कार्यालयों, पूजा स्थलों, बैंकों, मेट्रो, हवाई अड्डे, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ वित्तीय संस्थानों की सेफ्टी का जिम्मा होगा। हालांकि, प्राइवेट कंपनियों को सेवा लेने के लिए भुगतान करना होगा। बताया जा रहा है कि शुरुआत में इसके पांच बटालियन गठित किए जाएंगे।

कहा जा रहा है कि यूपी विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2020 के तहत अरेस्ट किए गए शख्स को पुलिस अफसर या उसकी गैर मौजूदगी में नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट के साथ ले जाना होगा। साथ ही सुरक्षा बल का प्रत्येक सदस्य हमेशा ड्यूटी पर समझा जाएगा। राज्य में कहीं भी उनकी तैनाती की जा सकती है। योगी सरकार इस अधिनियम को लागू करने के लिए नियमावली ला सकती है। (भाषा इनपुट्स के साथ)