महाकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए संगम स्नान के लिए पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत और घायल होने की खबर है। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। महाकुंभ का आज 17वां दिन है। जहां अब तक करीब 18 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ प्रयागराज और मेला क्षेत्र की ओर अभी भी पहुंच रही है। स्नान करने वाले लोगों की भीड़ को देखते हुए शासन ने हालात को देखते हुए पीएम मोदी ने भी स्थिति की जानकारी ली है। वहीं सीएम योगी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है।
वहीं स्थिति को देखते हुए सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान रद्द कर दिया था। हालांकि स्थिति के ठीक होने के बाद अखाड़ों का स्नान जारी है, और अब तक 5.7 करोड़ लोगों ने आज डुबकी लगाई है। फिलहाल पूरी स्थिति सामान्यता के साथ चल रही है।
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महाकुंभ में हुए हादसे की न्यायिक जांच की जाएगी। पीड़ितों को 25 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। महाकुंभ भगदड़ मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संगम तट पर एक दुर्भाग्यपूर्ण हदासा हुआ है। जिसमें 90 से ज्यादा लोग घायल हुए। जिसमें करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना दुखद है उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है।
महाकुंभ में मची भगदड़ पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि मैं महाकुंभ में आने वाले सभी लोगों से अपील करता हूं कि सरकार और प्रशासन अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, लेकिन हमें भी अनुशासन का पालन करना चाहिए। धर्म का पहला लक्षण है धैर्य। अगर संगम जाने का मौका न मिले तो जहां भी जगह मिले, डुबकी लगा लें। जो लोग इस हादसे में मारे गए हैं, उनकी सद्गति के लिए प्रार्थना करता हूं।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ के समय संगम पर जो लोग लेटे हुए थे, उनके ऊपर भीड़ चढ़ गई। आज 29 जनवरी को शासन से सख्त निर्देश थे कि कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं रहेगा।
करीब 16 घंटे बाद प्रशासन ने मौत का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। महाकुंभ के डीआईजी ने कहा कि कुछ घायलों को उनके परिजन ले गए। भारी भीड़ की वजह से बैरिकेड्स टूट गए।
हाईकोर्ट की सख्त नाराजगी के बाद अब एलडीए शहर में बने 81 अवैध अपार्टमेंट गिराएगा। इसको लेकर 15 दिन की नोटिस कब्जा खाली करने के लिए जा रही है। कार्रवाई को लेकर एक समिति भी एलडीए वीसी ने बनाई है।
प्रयागराज में भगदड़ के बाद काबू में आए हालातों के बीच अभी भी शहर के सभी एंट्री पॉइंट्स बंद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी भी महाकुंभ नगरी में करीब 9 करोड़ लोग मौजूद हैं।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि मैं सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी को 'स्नान' के लिए किए गए इंतजामों के लिए धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं। हमने पवित्र डुबकी लगाई और लोगों की शांति और समृद्धि के लिए पूजा की।
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर चुनाव जीतेगी। सरकार निष्पक्ष चुनाव नहीं कराती लेकिन हम फिर भी जीतेंगे।
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा हैं कि मैंने कल रात एक वीडियो संदेश प्रसारित कर श्रद्धालुओं से आग्रह किया था कि वे जहां भी हों, पवित्र स्नान करें। यहां करोड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए हैं और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। कल रात की घटना दिल दहला देने वाली है, मैं भक्तों से बस इतना कहना चाहता हूं कि धैर्य रखें।
मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में पवित्र स्नान कर रहे साधु-संतों पर फूलों की वर्षा की गई।
मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के लिए आज दोपहर 12 बजे तक करीब 4.24 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। आज तक पवित्र स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 20 करोड़ से अधिक हो गई है.
महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए अखाड़ा चल दिए हैं। सभी अखाड़ा पूरे पारम्परिक तौर तरीके से स्नान के लिए जा रहे हैं।
महाकुंभ में हुए दुःखद हादसे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि इस घटना अत्यंत व्यथित हूं। इस दुर्घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। ईश्वर उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति दें। प्रशासन घायलों को अस्पतालों में उपचार दे रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूँ।
महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मैं हताहत हुए श्रद्धालुओं के परिवारजनों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि घायल हुए सभी श्रद्धालु शीघ्र ही स्वस्थ हों।
महाकुंभ में हुए दुर्घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि ये हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति वो गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरे अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पर छोटे जुलूसों में ही सही, संतों का आना जारी है।
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखी गई। वहां मौजूद सभी श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।
महाकुंभ के डीआईडी वैभव कृष्ण ने कहा हैं, "अमृत स्नान शुरू होने वाला है। सब कुछ पारंपरिक रूप से किया जाएगा। पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके पारंपरिक जुलूसों में सहायता करेगा। स्थिति नियंत्रण में है। हम इस पर गौर कर रहे हैं।"
उत्तराखंड सरकार ने महाकुंभ में भाग लेने वाले अपने नागरिकों की सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किए हैं। सरकार ने कहा है कि राज्य से महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले लोग टोल-फ्री नंबर - 1070, 8218867005, 9058441404 पर कॉल करके किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने महाकुंभ मेले में भगदड़ की स्थिति को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति वो गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है। मोदी ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत भी की है और वो लगातार राज्य सरकार के संपर्क में बने हुए हैं।
महाकुंभ में 13 अखाड़ों के संन्यासी संगम में स्नान के लिए पहुंच गए हैं।
महाकुंभ के डीआइजी वैभव कृष्ण का कहना है कि हमें आज 10 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। हमारे सभी अधिकारी और कर्मचारी कल शाम से ही भीड़ नियंत्रण के लिए तैनात कर दिए गए हैं। लोग यहां सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान कर रहे हैं। सुबह, दबाव था और भारी भीड़ थी। कई अखाड़ों ने हमें भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कहा और कहा कि वे बाद में स्नान के लिए निकलेंगे। अब भीड़ नियंत्रण में है, अखाड़ों और संतों के लिए हमारी तैयारी है अखाड़ा मार्ग और अखाड़ा घाट बनकर तैयार हैं पूरे क्षेत्र को साफ कर दिया गया है और हमने अखाड़ों को यह बता दिया है और वे जल्द ही यहां स्नान के लिए आना शुरू कर देंगे। हमारे पास भगदड़ पीड़ितों की आधिकारिक संख्या नहीं है क्योंकि हम यहां भीड़ नियंत्रण में शामिल हैं। घायलों का इलाज किया जा रहा है।
मौनी अमावस्या के अवसर पर अखाड़ों और संतों के अमृत स्नान के लिए पुलिस द्वारा मार्ग प्रशस्त करते हुए त्रिवेणी संगम पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की खबर अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारों के प्रति उन्होंने गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा की है। इस घटना के लिए राहुल गांधी ने सरकार के कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना जिम्मेदार बताया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। इसके लिए उन्होंने श्रद्धांजलि भी व्यक्ति की है। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स के माध्यम से कहा है कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
महाकुंभ को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभी वर्तमान में संगम तट पर करीब 10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा हैं, "यह सनातन का अमृत काल है। जो लोग मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान यहां हैं, उन्हें 'मौन' रहना चाहिए और ध्यान, प्रार्थना और भजन में शामिल होना चाहिए। उन्हें अपने मन में कृतज्ञता रखनी चाहिए।" वैसे तो हर कोई संगम जाना चाहता है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर ऐसा नहीं संभव है। इसलिए आप जहां भी हों, अपने निकटतम घाट पर जा सकते हैं क्योंकि संगम से पानी का प्रवाह निश्चित रूप से प्रयागराज के हर घाट तक पहुंचेगा।"

