राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से करने के कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद के बयान से इन दिनों राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा है। वहीं संघ की पंजाब इकाई के सह संघचालक ने इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है ।

राजस्थान के नागौर में संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में हिस्सा लेकर लौटे पंजाब प्रांत के सह संघचालक ब्रिगेडियर (सेनि) जगदीश गगनेजा ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।’ दोबारा पूछे जाने पर कि आप संघ के पदाधिकारी हैं और आजाद ने इसकी तुलना आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से की है, तो गगनेजा ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि जब मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है तो मुझे इस पर कुछ कहना भी नहीं है।

जिस मसले में किसी का नाम आ जाए उस मसले पर मैं कोई बात नहीं करता।’
हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख रामगोपाल ने कहा, ‘क्या यह पहला मौका है जब संघ के खिलाफ किसी ने कुछ कहा है। आजाद बौद्धिक तौर पर दिवालिया हो चुके हैं और निराशा व हताशा में इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।’ इससे पहले गगनेजा ने संवाददाताओं को बताया कि संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में तीन प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इनमें समाज में समरसता लाने, गुणवत्तापरक, सर्वसुलभ, प्रभावशाली और समान शिक्षा प्रणाली विकसित करने व सस्ती स्वास्थ्य सेवा विकसित करने का शासन तथा प्रशासन से आग्रह किया गया है।

गगनेजा ने बताया कि देश में महंगी होती स्वास्थ्य सेवाओं तथा शिक्षा पर संघ ने चिंता जाहिर की और सरकार से शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यापारीकरण पर अंकुश लगाने के लिए नियामक आयोग को प्रभावी बनाने की मांग की है उन्होंने कहा कि सरकारें शिक्षा का बजट कम कर रही हैं और दूसरी ओर निजी संस्थाओं का इस क्षेत्र में आना चिंता का विषय है क्योंकि इससे शिक्षा महंगी हो रही है।

प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है जो चिंता का विषय है और आर्थिक रूप से सामान्य और कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन हो गया है। यह पूछने पर कि दिल्ली की आप सरकार ने शिक्षा का बजट बढ़ाया है, तो गगनेजा ने कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है। आप की सरकार ही क्यों, किसी भी पार्टी की सरकार शिक्षा का बजट बढ़ाती है तो संघ इसका स्वागत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल की अपेक्षा देशभर में शाखा लगने वाले स्थान की संख्या में 3600 से अधिक की वृद्धि हुई है।