Coronavirus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने मंगलवार (28 अप्रैल, 2020) को कहा कि हम मई तक भारत में आरटी-पीसीआर और एंटीबॉडी टेस्टिंग किट बनाने में सक्षम होंगे। सारी प्रक्रियाएं एडवांस स्टेज में हैं और आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इससे हमें एक मई तक प्रतिदिन एक लाख टेस्टिंग का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली के एलजी, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, एमसीडी कमिश्नर, डीएम और राजधानी के सभी जिलों के डीसीपी के साथ समीक्षा बैठक भी की। मीटिंग में केंद्रीय/राज्य और जिला निगरानी अधिकारी और सरकारी अस्पतालों के प्रमुख भी शामिल थे। राजधानी कोरोना वायरस का व्यापक रूप से फैल रहा हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या में 4.11 फीसदी मरीज स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हैं। इसमें 26 नर्स, 24 फील्ड वर्कर, 33 डॉक्टर और 13 पैरामेडिक्स शामिल हैं। हर्ष वर्धन ने कहा कि ये चिंता की बात है। शहर में मौजूद समय में 100 करीब हॉटस्पॉट भी हैं। ये संख्या कम होनी चाहिए।
दूसरी तरफ चीन ने मंगलवार को कहा कि वह दो चीनी कंपनियों की ओर से मुहैया कराई गई कोविड-19 त्वरित जांच किट के आकलन के परिणाम और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा इनका उपयोग नहीं किए जाने के फैसले से ‘बेहद चिंतित’ है। उसने उम्मीद जताई कि भारत ‘तार्किक ढंग’ से इस मुद्दे को सुलझाएगा। आईसीएमआर ने सोमवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चीनी कंपनियों -गुआंगझू वोंडफो बायोटेक और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक से खरीदी गई किट का इस्तेमाल बंद करने को कहा क्योंकि इनके परिणामों में ‘बड़ा अंतर’ देखने को मिल रहा था।
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मामले में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा, ‘हम आकलन के परिणामों और आईसीएमआर के फैसले से बेहद चिंतित हैं। चीन निर्यात किए गए चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता को बहुत महत्व देता है।’ एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि ‘कुछ लोगों द्वारा चीनी उत्पादों को ‘खराब’ बताना और मुद्दों को पूर्वाग्रह के साथ देखना अनुचित एवं गैर जिम्मेदाराना है।’ प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में भारत का समर्थन करता है और दोनों देश के लोगों को संक्रमण से जल्द से जल्द उबारने के लिए नई दिल्ली के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा।
भारत ने करीब दो हफ्ते पहले चीनी कंपनियों से करीब 5,00,000 त्वरित एंटीबॉडी जांच किट खरीदी थी और उन्हें उन राज्यों को वितरित किया गया था जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। एक पत्र में, आईसीएमआर ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से ये किट केंद्र सरकार को वापस करने को कहा है ताकि इन्हें कंपनियों को लौटाया जा सके। सरकार ने कहा कि इसमें एक भी पैसे का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि किट की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को कोई भुगतान नहीं किया गया था।
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सरकार ने कहा कि उपकरणों के सही ढंग से प्रदर्शन न करने के बाद इन दो चीनी कंपनियों से किट की खरीद रद्द कर दी गई है। अपने बयान में रोंग ने कहा कि चीनी दूतावास ‘‘सही स्थिति’’ जानने के लिए आईसीएमआर और दो चीनी कंपनियों के करीबी संपर्क में है। (भाषा इनपुट)