देशद्रोह और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार यहां के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पुलिस रिमांड सोमवार को दो दिन के लिए बढ़ा दी गई। कन्हैया को पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में आयोजित कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया है।
पुलिस ने कन्हैया को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। उनकी हिरासत सोमवार को खत्म हुई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन की अदालत में पेश किया। पुलिस ने इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों का पता लगाने और आरोपियों के आतंकवादी संगठनों से कथित संबंधों का पता लगाने के लिए कन्हैया की दो दिन की और रिमांड मांगी। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने कन्हैया की रिमांड दो दिन के लिए बढ़ा दी।
पुलिस ने अदालत को बताया कि कन्हैया से और पूछताछ इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इस मामले के बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है। इन आरोपियों को नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश-विरोधी नारेबाजी करते देखा गया था। सुनवाई के दौरान पुलिस ने दावा किया कि इस मामले के पांच अन्य आरोपी उमर खालिद, अनंत प्रकाश, रमा नागा, आशुतोष और अनिर्बान जेएनयू परिसर से फरार हैं।
पुलिस ने अदालत को बताया था कि कन्हैया और इस मामले के पांच फरार आरोपियों के आतंकवादी संगठनों से कथित संबंधों की जांच जारी है। भाजपा सांसद महेश गिरि और एबीवीपी की शिकायतों के बाद वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 124 ए (देशद्रोह) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था।