Covid-19: कोरोना वायरस महामारी के बीच विदेशों में फंसे भारतीय को वापस लाने के लिए गुरुवार को सरकार ने वंदे भारत मिशन शुरू किया। इसके तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों के पहले बैच को वापस लाया गया। बीती रात दस बजकर बीस मिनट पर अबू धाबी से एयर इंडिया एक्सप्रेस 177 यात्रियों और चार बच्चों को लेकर कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। इसके थोड़ी देर बाद यानी 10:32 बजे 177 यात्रियों और पांच बच्चों को लेकर एक और विमान दुबई से कोझिकोड एयरपोर्ट पर पहुंचा।

दरअसल भारत ने कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू अंतरराष्ट्रीय यात्रा लॉकडाउन के बीच विदेशों से अपने फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है। इसे ‘वंदे भारत अभियान’ नाम दिया गया है। इसके पहले चरण के रूप में 64 उड़ानों और तीन नौसेना जहाजों को विदेशों में फंसे लगभग 15,000 भारतीयों को घर लाने के लिए भेजा जाएगा।

देशभर में कोरोना वायरस से जुड़ी खबर लाइव पढ़ने के लिए यहां क्कि करें

दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में प्रेस, सूचना एवं संस्कृति दूत नीरज अग्रवाल ने गल्फ न्यूज से कहा कि दो लाख से अधिक आवेदकों के डेटाबेस में से प्रथम यात्रियों को चयनित करना एक बहुत मुश्किल कार्य है, जिसमें दूतावास के लिये कई चुनौतियां हैं। इन आवेदकों में 6,500 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

कोरोना वायरस से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए इन लिंक्स पर क्लिक करें | गृह मंत्रालय ने जारी की डिटेल गाइडलाइंस | क्या पालतू कुत्ता-बिल्ली से भी फैल सकता है कोरोना वायरस? | घर बैठे इस तरह बनाएं फेस मास्क | इन वेबसाइट और ऐप्स से पाएं कोरोना वायरस के सटीक आंकड़ों की जानकारी, दुनिया और भारत के हर राज्य की मिलेगी डिटेलक्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?

उल्लेखनीय है कि कोच्चि और कोझीकोड में उतरने वाले यात्रियों का एक असामान्य स्वागत हुआ। स्वदेश पहुंचने पर उनके रिश्तेदारों की भीड़ के बजाय अधिकारियों और हेल्थ वर्करों ने उनका स्वागत किया जो टर्मिनल में पीपीई सुरक्षा उपकरण पहने खड़े थे। इसके बाद यात्रियों को एक ट्राइएज एरिया में ले जाया गया, जहां उनकी स्वास्थ्य जांच की गई।

यहां जिन लोगों में कोरोना लक्षण नजर आएंगे उन्हें कोविड-19 हॉस्पिटलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा लोगों को उनके गृह जिलों में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। हालांकि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमारों को अपने घरों की यात्रा करने की अनुमति दी गई है, जहां उन्हें कठोर क्वारंटाइन में रहना होगा। पहली दो उड़ानों में लगभग 60 गर्भवती महिलाएं स्वदेश पहुंची हैं।