Covid-19: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने बुधवार (6 मई, 2020) को जन स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी। अध्यादेश में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने के कारण होती है तो जिम्मेदार व्यक्ति को अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है।
‘जानबूझकर विपत्ति के लिए सजा’ पर अध्यादेश की धारा 24 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो ‘जानबूझकर’ किसी अन्य व्यक्ति को कोरोना बीमारी से संक्रमित करता है उसे 2-5 साल के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा। अध्यादेश की धारा 25 ‘सामूहिक विपत्ति’ को पांच या अधिक व्यक्तियों को संक्रमित करने के रूप में परिभाषित करती है।
धारा 26 में कहा गया है कि धारा 24 और 25 के तहत जो कोई भी मृत्यु का कारण बनता है, उसे कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जो सात वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन आजीवन कारावास तक हो सकती है। इसके अलावा तीन लाख रुपए से पांच लाख रुपए तक जुर्माना भी देना होगा। संपर्क करने पर राज्य के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि ‘जानबूझकर यहां वैसा ही है जैसा कानूनी शब्दों में परिभाषित किया गया है।
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प्रस्तावित कानून के तहत सजा को विभिन्न से परिभाषित किया गया है, जिसमें ‘छिपाना’ और ‘यात्रा के लिए लोगों द्वारा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल’ शामिल है। इन दोनों अपराधों के लिए एक से तीन साल की सजा का प्रावधान है और पचास हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना है। अध्यादेश की धारा 30 में रेखांकित किया गया है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में कुछ भी होने के बावजूद इस अध्यादेश के तहत सभी अपराध हस्तक्षेप-योग्य और गैर-जमानती होंगे।
अध्यादेश की धारा 31 (1) के मुताबिक कोई मुकदमा, अभियोग और अन्य कानूनी कार्यवाही किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी चीज के लिए झूठी नहीं होगी। अध्यादेश को जल्द ही राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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मामले जानकारी देते हुए राज्य के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्य जन स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी प्रदान की, जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मियो, पुलिस कर्मियों और सफाई कर्मचारियों पर हमला करने वालों या उनसे दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के उन्मूलन में चौबीसों घंटे जुटे कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।