बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य छात्रों की गिरफ्तारी को गलत बताया और कहा कि विश्वविद्यालय में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से जुड़े लोग देशभक्त और बाकी देशद्रोही, ऐसा नहीं चलेगा। नीतीश ने पटना में पत्रकारों से कहा, “प्रतिष्ठित जेएनयू में लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है।” उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो लोग देशद्रोही नारे लगा रहे थे, उनपर कारवाई हो, परंतु कारवाई की आड़ में निर्दोष छात्रों को नहीं फंसाया जाए।

नीतीश कुमार ने कहा, “जेएनयू में अगर कोई कार्यक्रम हो रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि वहां के छात्र और प्रोफेसर उसका समर्थन करते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के इशारे पर सबकुछ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “बगैर प्रमाण के बाहरी ताकतों के साथ छात्रों का नाम जोड़ना गलत है. वामपंथी ताकतों के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वे देशद्रोही नहीं हैं।”

नीतीश ने सवाल किया किया, “मोदी सरकार अफजल गुरु की बात कर रही है, जबकि जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में कुछ निर्दलीय विधायक अफजल गुरु के पक्ष में प्रस्ताव लाते रहे हैं. बीजेपी नेता राम माधव सरकार बनाने के लिए उन विधायकों से क्यों मिले?” उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ देशद्रोह का मुकदमा करते हैं और दूसरी तरफ कश्मीर में उनके समर्थकों से मिलते हैं।