बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और RJD नेता लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जुबानी हमला बोला है। रविवार सुबह उन्होंने जिला जज की गोपनीय चिट्ठी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शेयर की और कहा कि बिहार भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार (JDU और BJP के गठबंधन की) महज खानापूर्ति कर रही है। प्रतिक्रियावादी रवैया नहीं अपनाया जा रहा है।
उन्होंने दो पन्ने के खत की प्रति अपलोड करने के साथ ट्वीट में लिखा- जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शिवहर के इस पत्र को पढ़कर आप बिहार सरकार की कोरोना संबंधित तैयारियों, बचाव और उपचार का अंदाज़ा लगा सदमे में जा सकते है। मैं पहले दिन से कह रहा हूं बिहार भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार बस खानापूर्ति कर रही है। ना कोई प्रोएक्टिव अप्रोच और ना ही रिएक्टिव।
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शिवहर के जिला जज की चिट्ठी में कहा गया है कि ‘जिले में केवल एक सामुदायिक किचन है’ की सूचना पर हमने बालिका उच्च विद्यालय में निरीक्षण किया। यहां चार-पांच कोरोना संदिग्ध रहते हैं और किचन की व्यवस्था तक नहीं की गई है। इन लोगों को होटल से खाना मंगाकर दिया जा रहा है। उसी होटल से इंजीनियरिंग के 17-18 छात्रों को खाना भेजा जाता है। दंडाधिकारी से किचन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खाना होटल से मंगाने की बात कबूली। यही नहीं, किचन में दिव्यांग, बूढ़े और अनाथों के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं है।
सिलसिलेवार ट्वीट्स में उन्होंने आगे लिखा- पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास ज़रूरी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है। वास्तविक ज़रूरतमंदों तक मदद और राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है। बिहार में सबसे कम टेस्ट हो रहे है। बक़ौल केंद्रीय मंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बिहार का सबसे बुरा प्रदर्शन है।
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तेजस्वी के मुताबिक, “चारों ओर राशन वितरण में धांधली की खबर है। लाभार्थियों को गला-सड़ा अनाज बांटा जा रहा है। क़्वारांटाइन केंद्रों में कोई सुविधा नहीं, जाँच रिपोर्ट्स में लगातार गड़बड़ी उजागर हो रही है, सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में स्थिरता और पारदर्शिता नहीं है।”
वह आगे बोले- बिहार में हालात बदतर है। आवश्यक संख्या में जांच नहीं हो रही। टेस्टिंग किट्स और वेंटिलेटर्स उपलब्ध नहीं है। बाहर फँसे 17 लाख बिहारियों को निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है, ना ही अप्रवासी कामगारों और छात्रों को वापस लाने की कोई मंशा है। सरकार पूर्णतः असहाय, असमर्थ और थकी हुई है।
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