तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने तुषार मेहता को सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया के पद से हटाने की मांग उठा दी है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एक चिट्ठी लिखी है।

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सांसदों ने पीएम को लिखे खत में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया के पद से तुषार मेहता को हटाने की गुजारिश की है। टीएमसी के सांसदों ने मेहता और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के बीच हुई मुलाकात को “हितों का टकराव” करार दिया। पत्र में अधिकारी को विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपी बताया गया है।

सांसद डेरेक ओ ब्रायन, शुखेंदु शेखर रॉय और महुआ मोइत्रा के हस्ताक्षर वाले पत्र में दो प्रमुख मामलों को जिक्र किया गया। इनमें नारदा केस और सारधा चिट फंड मामले का उल्लेख है। पत्र में कहा गया कि धोखाधड़ी और घूसखोरी आदि से जुड़े इन दोनों आपराधिक मामलों में अधिकारी आरोपी हैं।

पत्र के अनुसार, अधिकारी की गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद हुई इस बैठक से संशय पैदा होता है। यह है खतः

उन्होंने कहा कि सारधा चिटफंड घोटाले में जांच एजेंसी को सलाह देने के अलावा एसजी नारद केस में टॉप कोर्ट और हाईकोर्ट में सीबीआई की ओर से पेश हो रहे हैं। पत्र में आगे कहा गया- अधिकारी और एसजी के बीच बैठक न केवल अनुचित है, बल्कि हितों का सीधा टकराव है। यह देश के दूसरे सर्वोच्च कानून अधिकारी सॉलिसिटर जनरल के पद को भी कलंकित करता है।

ममता की पार्टी के सांसदों ने पीएम को लिखे खत में कहा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल के पद की “तटस्थता और सत्यनिष्ठा” बनाए रखने के लिए, मेहता को पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

वहीं, लोकसभा सांसद, टीएमसी महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक वीडियो शेयर किया। साथ ही लिखा- रिपोर्ट्स में कहा गया कि अधिकारी एसजी के आवास गए। वह वहां करीब आधा घंटा रहे।

SC ने सफाई में यह कहाः उधर, मेहता ने इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “अधिकारी कल बिना बताए मेरे आवास/दफ्तर आए थे। चूंकि, मैं पहले से तय मीटिंग/कार्यक्रम में व्यस्त था, इसलिए मेरे स्टाफ ने उन्हें इंतजार करने को कहा। बैठक के बाद मेरे कर्मचारियों ने उन्हें सूचित किया कि मैं उनसे नहीं मिल पाऊंगा। वह भी मुझसे मिलने की जिद किए बिना ही वापस लौट गए। ऐसे में उनके साथ मेरी मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता है।”

कौन होता है एसजी?: बता दें कि सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया, देश का दूसरा सबसे बड़ा कानूनी अफसर होता है। वह ठीक अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया के बाद आता है और भारत सरकार को विभिन्न मामलों में कानूनी तौर पर सलाह देता है।