अगले साल West Bengal Assembly Elections से पहले सूबे में BJP अपने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी के खिलाफ सीएम चेहरे के तौर पर पेश कर रही है। यही वजह है कि भगवा पार्टी ने ममता के पुराने औजार को नई धार देने का काम किया है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के ‘दीदी के बोलो’ (Didi ke Bolo यानी ममता दीदी को बताओ) कैम्पेन के जवाब में बुधवार को भाजपा ने बड़े स्तर पर अपने नए कैम्पेन को लॉन्च कर दिया।

भाजपा ने इसे नाम दिया- ‘दुरनितिर बिरुद्धे दिलीप दा’ (Durnitir Biruddhe Dilip Da मतलब दीलीप दा भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं)। पार्टी सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ‘The Print’ की रिपोर्ट में बताया गया कि यह कैम्पेन प्रोग्राम बीजेपी के इससे बड़े अभियान ‘Bengal against Corruption’ का हिस्सा ही है।

कैंपेन का वीडियो ‘Satatar Pratik’ (ईमानदारी के प्रतीक) शब्द पर जोर देता है। यही शब्द Trinamool Congress (TMC) ने पिछले चुनाव में ममता बनर्जी के तस्वीर वाले चुनावी कट-आउट्स और बिल बोर्ड्स के साथ इस्तेमाल किया था।

पार्टी ने इसके अलावा एक हेल्पलाइन और ई-मेल आईडी भी लॉन्च की है, जिसकी मदद से लोग भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें रजिस्टर करा सकेंगे। घोष ने इस बारे में अंग्रेजी न्यूज साइट को बताया- पश्चिम बंगाल भ्रष्टाचार का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने खुद पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं के लाभ के बदले गरीब लोगों से ‘कट मनी’ लौटाने के निर्देश दिए।

बकौल घोष, “COVID-19 के दौरान भी भ्रष्टाचार के मामले कम नहीं हुए। खाद्यान्न वितरण के लिए गोदामों तक नहीं पहुंचे, पर वे बिक्री के लिए बाजार तक पहुंच गए। हम लोगों से भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने के लिए कह रहे हैं, ताकि हम अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बना सकें।”

घोष के मुताबिक, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था बंगाल चुनाव में दो बड़े मुद्दे हैं। हम लोगों से इसलिए परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए कह रहे हैं। रोचक बात है कि साल 2011 में दीदी ने भी इसी ‘परिवर्तन’ का जनता से वादा किया था, जिसकी मदद से वह लेफ्ट को मात देकर सत्ता में आ गई थीं।