अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार तड़के (भारतीय समयानुसार) यह कह कर सभी को हैरत में डाल दिया कि उनकी लद्दाख मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है। ट्रंप ने दावा किया कि पीएम मोदी का चीन से तनाव को लेकर मूड ठीक नहीं है। इसी के साथ उन्होंने भारत-चीन के बीच एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश कर दी। हालांकि, विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप से कोई बात नहीं हुई है। दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार 4 अप्रैल 2020 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई के संबंध में बात हुई थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान कि प्रधानमंत्री मोदी का लद्दाख मुद्दे पर मूड ठीक नहीं है, तथ्यों के विपरीत है। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को भी ट्रंप ने भारत-चीन के बीच मध्यस्थता कराने की पेशकश की थी। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि वह चीन से इस मामले में सीधे संपर्क में है और भारत राजनयिक सूत्रों के जरिए मामले को सुलझाने में जुटा है।
लॉकडाउन 5.0 के लिए क्या हो सकती है सरकार की योजना, पढ़ें
भारत-चीन और मोदी से बातचीत पर क्या कहा था ट्रंप ने?: अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ऐलान किया कि शुक्रवार तक वह चीन को लेकर कुछ अहम फैसले कर सकते हैं। इसी दौरान उन्होंने भारत-चीन तनाव पर भी बयान दिया। ट्रंप ने कहा कि 1.4 अरब की आबादी वाले दो देशों के बीच तनाव है, दोनों के पास ही काफी ताकतवर सेनाएं हैं। भारत खुश नहीं है और चीन भी खुश नहीं है, लेकिन मैं बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और चीन के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर उनका मूड बिल्कुल अच्छा नहीं है। ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि उन्होंने मोदी से इस बारे में क्या बात की।
लद्दाख में क्यों आमने-सामने हैं भारत-चीन?: पूर्वी लद्दाख की झील पैंगोंग के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के करीब दो हफ्ते बाद चीनी सैनिकों ने अचानक वहां गश्त तेज कर दी है और झील में पहले से ज्यादा तीन गुनी नावें तैनात कर दी हैं। इतना ही नहीं चीनी सैनिक वहां निर्माणाधीन भारतीय सड़क पर भी आपत्ति जता रहे हैं और एक निश्चित बिंदु से आगे बढ़कर गश्त कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उपजा तनाव स्थिति को और खराब कर सकता है। ऐसे में भारत ने भी सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है।