नागरिकता विवाद के बीच विपक्षी कुनबे में फूट सामने आई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी के बाद अब BSP सुप्रीमो ने भी Congress के नेतृत्व वाली विपक्षी दलों की बैठक से खुद को अलग-थलग कर लिया है। इसी बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को इस बारे में कुछ पता ही नहीं है।

सोमवार को मायावती ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर चर्चा के लिए कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में बसपा शामिल नहीं होगी। यह जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी, जिसमें लिखा, “हमारी पार्टी सीएए और एनआरसी के खिलाफ है। पर बैठक में शामिल होने से राजस्थान में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हतोत्साहित होंगे, जहां कांग्रेस ने उनकी पार्टी में तोड़फोड़ की है।”

मायावती के मुताबिक, जैसा कि सबको पता है कि राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को बसपा द्वारा बाहर से समर्थन दिए जाने के बावजूद दूसरी बार ऐसा हुआ कि बसपा विधायकों को कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया जो पूरी तरह गलत है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के नेतृत्व में 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में बसपा के शामिल होने से राजस्थान में उसके कार्यकर्ता हतोत्साहित होंगे इसलिए बसपा बैठक में शामिल नहीं होगी।

उधर, आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पार्टी को इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए इसमें शामिल होने को कोई मतलब नहीं है। हालांकि, सूत्रों ने किया कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप इस बैठक में शामिल नहीं हो रही।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में संयुक्त कार्य योजना का खाका तैयार करने पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई। आप ने इस कानून का संसद में विरोध किया था और पिछले महीने हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।