महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) कानून से सिर्फ मुसलमान ही नहीं प्रभावित होंगे, इसका प्रभाव हिंदुओं पर भी पड़ेगा। हम इसे हम नहीं आने देंगे। केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू हुआ तो हिंदू आदिवासी भी आंदोलन शुरू कर सकते हैं। अभी उन्हें पता नहीं, वे जंगल और पहाड़ों पर रहते हैं, वे सबूत कहां से लाएंगे। जब उन्हें पता चलेगा तो वे सड़क पर उतर जाएंगे।
शिवसेना का मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। किसी को देश से निकाला नहीं जाएगा। घुसपैठियों को जरूर भगाओ। यह नीति बाला साहेब ठाकरे की रही है। केंद्र सरकार बेवजह इस पर अपना श्रेय ले रही है। कहा कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों को खदेड़ो। घुसपैठिए घुसपैठिए ही होते है, उन्हें “पद्म” पुरस्कारों से सम्मानित नहीं किया जा सकता है।
कहा कि एनआरसी लागू हुआ तो सभी को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। यह कानून हिंदुओं पर भारी पड़ेगी। कहा कि असम में 19 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए। इनमें से 14 लाख लोग हिंदू हैं। कहा कि देश में बहुसंख्यक आबादी हिंदुओं की है। एनआरसी से सबसे ज्यादा हिंदू ही प्रभावित होंगे। कहा कि अभी एनआरसी का मुद्दा आया नहीं है। इस पर अभी विरोध करना सही नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार के बारे में कहा कि “मैंने एनआरसी का विरोध किया तो मैं राष्ट्रद्रोही हो गया और आपने समर्थन दिया तो आप देशभक्त हो गए।” पूछा ऐसे कैसे चलेगा। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोगों में जो गलतफहमी है, उसे दूर करना होगा। देश के किसी भी नागरिक को निकाला नहीं जाएगा। कहा कि सरकार लोगों की गलतफहमी दूर नहीं कर रही है। इस कानून में यह बात जरूर है कि पड़ोसी देश के पीड़ितों को नागरिकता दी जाएगी, किसी को निकाला नहीं जाएगा। यह सही है।