महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना विधानसभा चुनाव का अहम मुद्दा बन रहा है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में प्रतिमा गिरने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से माफी मांगने के बाद भी विपक्षी दल इस मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। इससे राज्य में सरकार चला रहा महायुति गठबंधन इस मुद्दे को लेकर असहज नजर आ रहा है। यह मुद्दा सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। खास तौर पर बीजेपी के लिए यह मुद्दा परेशान करने वाला बनने जा रहा है। इसमें दो मत नहीं हैं कि विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) विधानसभा चुनाव में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को मुद्दा हर हाल में बनाएगा। महाराष्ट्र के लोगों के लिए छत्रपति शिवाजी का मुद्दा मराठा अस्मिता से जुड़ा है। राज्य में अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

मोदी ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी थी

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर थे। मोदी ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे दोस्तों के लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं। हमारे लिए वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं।
मोदी से पहले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार भी इसको लेकर माफी मांग चुके हैं। लेकिन विपक्षी गठबंधन के घटक दल इस मुद्दे को लगातार हवा दे रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा- घटना राज्य की प्रतिष्ठा पर धब्बा है

मोदी के माफी मांगने की चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह राजनीतिक एवं सशर्त माफी थी। प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक स्पष्ट मामला है। यह प्रतिमा कांस्य से बनाई जाने वाली थी, लेकिन उसके स्थान पर थ्रीडी मुद्रित प्रतिमा का इस्तेमाल किया गया और उसे नट-बोल्ट से जोड़ा गया। मूर्तिकार अनुभवहीन था। प्रतिमा गिरने की यह घटना राज्य की प्रतिष्ठा पर एक धब्बा है। उन्होंने कहा कि दोषियों की पृष्ठभूमि चाहे जो भी हो, इन लोगों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए।

एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर रविवार को प्रदर्शन किया और सोमवार को महायुति सरकार के खिलाफ ‘जोडे मारो (जूते मारो)’ प्रदर्शन का आह्नवान किया है। भाजपा ने इस प्रदर्शन की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठाए हैं। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि एमवीए के घटक दलों ने आंदोलन की जो योजना बनाई, वह राजनीति से प्रेरित है और यह सबकुछ आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक के प्रति विपक्ष का प्रेम दिखावटी है।

राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि महायुति में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। उनके मुताबिक जिस तरह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बिहन योजना का श्रेय लेने में जुटी है। इससे शिंदे गुट और भाजपा असहज है। विश्लेषकों का कहना है कि बदलापुर की घटना पर राकांपा ने ठाणे में प्रदर्शन किया।

इतना ही नहीं सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर महायुति की तरफ से सबसे पहले अजित पवार ने महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से क्षमा मांगी थी। इसके बाद पार्टी ने मुंबई में आत्मक्लेश आंदोलन किया था। इस मुद्दे पर अजित पवार खुद सिंधुदुर्ग स्थित राजकोट किले के दौरे पर पहुंचे हैं। इससे महायुति में असहजता बढ़ी है। शिवाजी महाराज की 35 फुट की यह प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। प्रधानमंत्री ने चार दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर इस प्रतिमा का अनावरण किया था।