लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए सरकार ने स्पेशल ट्रेनें चला रही है। इसी क्रम में महाराष्ट्र से एक स्पेशल ट्रेन गुरुवार दोपहर भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन से उतरे मजदूरों ने सरकार के दावों की पोल खोल दी। मजदूर और उनके परिवार 15 घंटे के सफर के बाद भोपाल पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान प्रशासन ने खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया। सफर के दौरान उनके बच्चे भूख से बिलखते रहे। लेकिन कोई मदद नहीं मिली। यह स्पेशल ट्रेन मध्य प्रदेश के 1193 मजदूरों को भोपाल लाई है।

एक समाचार चैनल से बातचीत में मजदूरों ने प्रशासन के दावों की हवा निकाल दी। उन्होंने बताया कि 15 घंटे के सफर के दौरान उन्हें खाना नहीं दिया गया। सिर्फ पीने के लिए 2 छोटी-छोटी बोतल दी गई थीं। रास्ते में कहीं भी खाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। भूख के कारण बच्चे बिलखते रहे।

मजदूरों के मुताबिक, उनके पास जो सिर्फ रोटियां थीं। उन्हें उसी को खाकर किसी तरह सफर काटा। हालांकि, अधिकांश मजदूरों के पास ना तो पानी था और ना ही कुछ खाने को। यही वजह थी कि ट्रेन में सफर के दौरान भूख के कारण मजदूरों के बच्चे बिलखते रहे। हालांकि, हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर मजदूरों को खाने के पैकेट दिए गए।

इससे पहले उन सभी की स्क्रीनिंग हुई। करीब आधा दर्जन मजदूरों को बुखार था। उनकी जांच भी हुई। उनके नाम पते नोट कर लिए गए हैं। बाद में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के मुताबिक उन्हें बस में बिठाया गया। महाराष्ट्र से जो मजदूर आए हैं, वे मध्य प्रदेश के 25 जिलों के हैं। उनके लिए प्रशासन ने 44 बसों का इंतजाम किया था।

मजदूरों ने रेलवे द्वारा टिकट के पैसे लेने से इंकार किया है। वे जब महाराष्ट्र से ट्रेन में सवार हुए तो उन्हें टिकट दिए गए, लेकिन किसी ने उनसे कोई पैसा नहीं लिया। हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर मौजूद अफसरों ने बताया कि राज्य सरकार मजदूरों के टिकट का पैसा दे रही है।

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