India Coronavirus lockdown: वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष अपने एक ट्वीट के चलते एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शुक्रवार (17 अप्रैल, 2020) को उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘तबलीग के लिए मुसलमान जिम्मेदार हैं तो इस के लिए कौन जिम्मेदार? हमारे मित्र कह रहे हैं कि आस्था का प्रश्न है, सवाल नहीं उठा सकते?’ दरअसल ट्वीट के साथ उन्होंने एक खबर का लिंक भी शेयर किया है, जिसके मुताबिक लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच कर्नाटक के कलबुर्गी में गुरुवार में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम में हजारों की संख्या लोग में इकट्ठा हुए। शेयर की गई खबर के मुताबिक लोग सिद्धालिंगेश्वर मेले में भाग लेने के लिए इकट्ठे हुए थे। घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें सैकड़ों लोग एक रथ को खींच रहे हैं।
अपने इस ट्वीट के बाद पत्रकार आशुतोष सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। प्रभात यादव @prabhatkumar76 लिखते हैं, ‘सवाल उठाओ और उनको अंदर भी डालो। पुलिस ने केस दर्ज कर दिया, एक इंस्पेक्टर भी ससपेंड हो गया। लेकिन जब असली तस्वीर है और वीडियो भी तो ‘प्रतीकात्मक’ छोटे अक्षरों में लिख के बड़े चित्र में ‘लाखों लोगों’ को दिखा रहे हो। जब सही तस्वीर है ही तो ‘प्रतीकात्मक प्रोपेगंडा’ का मतलब??’ शिवम @Shivams64167484 लिखते हैं, ‘अंगद का पैर और केन्द्र से मोदी सरकार को हटाना इनके बस की बात नहीं।’
यहां देखें ट्वीट-
इसी तरह चंदन @CChamkani लिखते हैं, ‘ऐसे मेले क्यों आयोजित हो रहे हैं सर??? इसके आयोजक पूरी तरह से दोषी हैं। कम अक्ल के लोगों को आयोजक पदों से तुरन्त बर्खास्त किया जाए।’ टिंकू @TinkuSh05150411 लिखते हैं, ‘तो तुम मानते हो जमात की कोई गलती नहीं?’ एक यूजर लिखते हैं, ‘पुरानी फोटो पोस्ट कर दी है क्या? झूठी खबरें फैलाना कानूनन अपराध है।’ ओनली तुषार @onlytusharJ, ‘चिचा ध्यान रखना न्यूज कहीं फेक ना निकल जाए।’
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दिलीप पंचोली @DalipPancholi लिखते हैं, ‘जमात को डिफेंड करने के लिए कुछ भी करोगे मतलब कुछ भी! कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई जिसकी फोटो और वीडियो मौजूद हैं, कम्पलेंट दर्ज हुई, लापरवाही के कारण पुलिस वाले सस्पेंड हुए लेकिन एजेंडाबाजी के लिए फोटो लगाएंगे लाखों की भीड़ की।’ ये भी पढ़ें- 24 मार्च को 590 मरीज, 14 अप्रैल को 11,400′, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने पूछा- ये संख्या क्यों और कैसे बढ़ी? तो ट्रोल्स ने ले लिया निशाने पर