कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टरों को तगड़ा झटका लगा है। एक अध्ययन में पता चला है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भी कोविड-19 के इलाज में प्रभावी नहीं है। अध्ययन में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए कई देशों द्वारा इस दवाई के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने को लेकर भी चिंता जताई गई है।
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस से निपटने में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को ‘गेम चेंजर’ बताया था। उन्होंने भारत से इस दवा की मांग भी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी मांग के बाद इस दवा के निर्यात पर लगी रोक हटा दी है।
हालांकि, अब वर्जीनिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के प्रोफेसर जयकृष्ण अंबाती और उनके सहयोगियों ने इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने का आग्रह किया है। वर्जीनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय के डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्टडी में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि हाइड्रॉक्साइक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) ने मृत्यु दर को कम कर दिया है। फिर चाहे इसे एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन के साथ इस्तेमाल किया गया हो या फिर इसके बिना।
हालांकि, डॉक्टरों ने अब तक अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन मेड्राइव (MedRxive) पर इसे अपलोड कर दिया है। प्रोफेसर एंड डॉक्टर जयकृष्ण अंबाती ने कहा, एजिथ्रोमाइसिन के साथ या बिना हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से मृत्यु दर में सुधार नहीं हुआ है। ऐसा भी नहीं है कि इसके इस्तेमाल से अस्पताल में भर्ती मरीजों में वेंटिलेशन की जरूरत कम हो जाती है। इसके विपरीत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से मृत्यु दर में इजाफा हुआ है।
Coronavirus in India Live Updates:
बता दें कि भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्टडीज का हवाला देते हुए कहा था कि एजिथ्रोमाइसिन के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से वायरल संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है। अमेरिका और कुछ अन्य देश भी कोविड-19 के रोगियों के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा
जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए
इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं
क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?