Farmers Protest: किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच आंदोलन कर रहे किसानों ने आज (सोमवार) को अनशन किया। शाम 5 बजे के बाद किसानों का अनशन खत्म हुआ है। अनशन खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज का आंदोलन सफल रहा, किसान वापस नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि कल के बाद रणनीति तैयार की जाएगी। जिन थानों से हमें परेशान किया जाएगा, हम वहां पर पशु बांधना शुरू करेंगे। हम प्रदर्शन शांति पूर्ण तरीके से ही रखना चाहते हैं और सरकार चाहती है कि हंगामा हो।
राकेश टिकैत ने इसके साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी है कि ‘अगर हमारे ट्रैक्टर/गाड़ियों को रोका गया तो हम फिर हाईवे को रोकेंगे..अपने साथियों को आगाह करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “शरारती तत्वों से बचके रहना है, हमारे बीच कोई गलत तत्व ना आने पाए। जिससे हमारा आंदोलन प्रभावित हो। सरकार कानून को वापस ले, रास्ते खुल जाएंगे।” राकेश टिकैत ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश पुलिस किसानों का उत्पीड़न कर रही है। किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है। यूपी सरकार उत्तराखंड के किसानों को रोके हुए है। भारतीय किसान यूनियन उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर किसानों को रोका तो हम गाजीपुर बॉर्डर रोक देंगे।’
इधर किसानों के समर्थन में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने ‘सामूहिक उपवास’ कार्यक्रम का आयोजन किया। पार्टी के मंत्री और विधायकों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इस कार्यक्रम में नजर आए। तीन कृषि कानूनों को जहां एक ओर किसानों का बड़ा वर्ग वापस लेने की मांग पर अड़ा है। इसी बीच, सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से विभिन्न राज्यों के 10 किसान संगठनों ने मुलाकात की। ये संगठन All India Kisan Coordination Committee से जुड़े हैं, जो Uttar Pradesh, Kerala, Tamil Nadu, Telangana, Bihar और Haryana से ताल्लुक रखते हैं। इन सभी ने तीनों Farm Bills को अपना समर्थन दिया है।
किसानों के आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें किसानों के बारे में कुछ नहीं पता है। पात्रा ने कहा कि राहुल जी किसानों को भ्रमित करने के लिए बार-बार ट्वीट कर रहे हैं। राहुल जी कितना समझते हैं किसानी को! हां, माना उनके जीजा जी किसान हैं। आपको अंदर की बात बताता हूं कि रबी और खरीफ को वे BJP कार्यकर्ता समझते हैं। उन्हें तो यह पता भी नहीं कि यह फसलों का नाम है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश का किसान मोदी सरकार के कृषि कानूनों की अहमियत समझता है। राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने कहा है कि पंजाब का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होने चाहिए।
राकेश टिकैत ने अनशन समाप्त करने के बाद कहा कि 'उत्तर प्रदेश पुलिस किसानों का उत्पीड़न कर रही है। किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर किसानों को रोका तो हम गाजीपुर बॉर्डर रोक देंगे...जिस थाने में किसानों को रोका जाएगा हमारे स्थानीय कार्यकर्ता वहीं पशुओं को बांधने का काम करेंगे।' राकेश टिकैत ने आगे कहा कि 'हमारी लड़ाई लंबी है...राज्य सरकार इसमें दखल न दे। किसानों से आप जीत नहीं सकते...हम किसान हैं किसानों का मकसद उनकी मांगे हैं न कि सरकार को अस्थिर करना। हम राजनीतिक दल नहीं हैं।'
किसान आंदोलन के बीच आज प्रदर्शनकारी किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए। भूख हड़ताल खत्म होने के बाद दाओबा में मीडिया से बातचीत करते हुए BKU के राज्य अध्यक्ष ने कहा कि 'हम सरकार को यह मैसेज देना चाहते हैं कि उनकी नीतियों की वजह से ही अन्नदाता को आज भूखे रहना पड़ा है। सरकार को तीनों कानून वापस ले लेना चाहिए।
ऑल इंडिया किसान सभा और स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी राजस्थान-हरियाणा सीमा के पास किसानों के आंदोलन को ज्वायन किया है।
किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच हरियाणा के सांसद और विधायकों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है। कृषि भवन में यह मुलाकात हुई है।
किसान आंदोलन में भूख हड़ताल पर बैठे किसानों ने अपना उपवास शाम 5 बजे तोड़ दिया। बता दें कि आंदोलन के तमाम किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपना अनशन समाप्त कर दिया है। बता दें कि किसान आंदोलन के समर्थन में उन्होंने एक दिवसीय अनशन किया था।
भारत में चल रहे किसान आंदोलन को कनाडा में समर्थन मिलने और वहां के शीर्ष नेताओं की ओर से जारी किये गये बयानों पर विवाद और बढ़ गया है। अब भारत के कई पूर्व डिप्लोमैट ने एक ओपेन लेटर लिखकर कनाडा के इस रवैये की कड़ी निंदा की है। साथ में ही इसमें कई बेहद गंभीर और संवेदनशील आरोप भी लगाए गए हैं। इस खत में किसानों के आंदोलन पर कनाडा के पीएम के बयान की निंदा करते हुए लिखा गया है कि भारत की अंदरूनी राजनीति पर टिप्पणी गलत परंपरा थी। साथ ही चेताया गया कि कनाडा में वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित यह बर्ताव उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर गलत नाम देगा।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'कैप्टन जी, मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूँ। दिल्ली के स्टेडीयम जेल नहीं बनने दी, केंद्र से लड़ा। मैं किसानों का सेवादार बनके उनकी सेवा कर रहा हूं। आपने तो अपने बेटे के ED केस माफ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों का आंदोलन बेच दिया? क्यों?'
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के समर्थ में केजरीवाल के अनशन को नाटक बताते हुए कहा था कि केजरी सरकार ने 23 नवंबर को कृषि कानूनों में से एक को बेशर्मी से अधिसूचित कर किसानों की पीठ में छुरा भोंका है और अब वे सोमवार को किसानों की भूख हड़ताल के समर्थन में उपवास पर बैठने की घोषणा कर नाटक कर रहे हैं।'
किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने 'सामूहिक उपवास' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी नजर आए।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने सपा, कांग्रेस, आप पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर दिया है। पुलिस ने रविवार देर रात मेरठ के सपा विधायक रफीक अंसारी को नजरबंद कर दिया। किसान संगठनों और विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए जिला मुख्यालय के पास पुलिस बल की तैनाती की गयी है। मेरठ में प्रदर्शन कर रहे सपा के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया औश्र उन्हें आंबेडकर भवन, गंगानगर भेज दिया। इसके बाद सपा के कुछ और कार्यकर्ता भी प्रदर्शन के लिए आ गए।
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के आह्वान पर सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों पर संगठन के कार्यकर्ता धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं। जनपद गौतम बुद्ध नगर के सूरजपुर स्थित जिला मुख्यालय पर भी भाकियू पदाधिकारियों ने धरना देकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और अपना विरोध जताया। भाकियू (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में दलित प्रेरणा स्थल पर कई किसान एक दिन का सांकेतिक भूख हड़ताल कर रहे हैं।
चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) का धरना-प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी है। संगठन के कुछ कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘आम जनता की सहूलियत को देखते हुए चिल्ला बॉर्डर को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। लेकिन उनके संगठन का धरना जारी है।’’ बॉर्डर पर लगे अवरोधकों की वजह से दिल्ली की तरफ जाने वाले यातायात की रफ्तार अभी भी धीमी है।
इसी बीच, किसान आंदोलन को लेकर पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बीच तकरार बढ़ गई है। सोमवार को AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। ट्वीट कर कहा- कैप्टन जी, मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूँ। दिल्ली के स्टेडीयम जेल नहीं बनने दी, केंद्र से लड़ा। मैं किसानों का सेवादार बनके उनकी सेवा कर रहा हूं। आपने तो अपने बेटे के ED केस माफ़ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों का आंदोलन बेच दिया? क्यों?
बकौल केजरीवाल, "उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।" बता दें कि किसानों के प्रदर्शन में आज दिल्ली सीएम भी उपवास पर हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सोमवार को कई दलों के नेताओं ने अन्नदाताओं के अनशन का समर्थन किया। पर यही बात उनके लिए मुसीबत बन आई। अंग्रेजी न्यूज चैनल 'टाइम्स नाऊ' के मुताबिक, मामले में पुलिस ने सपा, आरएलडी और आप नेताओं को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को लोगों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन करने की अपील की और कहा कि अंत में किसानों की जीत होगी। केजरीवाल भी किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का अनशन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने कहा है कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी (आप) के स्वयंसेवकों, समर्थकों और देश के लोगों से किसानों के आंदोलन में शामिल होने की अपील की। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।’’ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि वह भी पार्टी कार्यालय में पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ एक दिन का अनशन करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन फिलहाल जारी है। प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने बताया कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं। साथ ही नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आज उपवास पर हैं। उन्होंने मोदी सरकार से ‘‘अहंकार’’ छोड़ने और आंदोलनकारी किसानों की मांग के मुताबिक तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की। दरअसल, सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर पिछले 19 दिन से चल रहे प्रदर्शनों में पंजाब और अन्य राज्यों से और किसानों का आना जारी है।
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे। सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।’’ प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने कहा है कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी हाथ में पोस्टर लिए गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते दिखे थे। इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ये ‘‘असामाजिक तत्व’’ किसानों की आड़ में आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है। किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, ‘‘किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है।’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को कहा था कि वह सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से ‘‘अहम त्यागने और कानूनों को रद्द करने’’ की अपील की थी। किसानों के एक बड़े समूह ने हरियाणा-राजस्थान सीमा पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर रविवार को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सोमवार को किसानों का देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना देने का कार्यक्रम है। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान आज कानूनों के खिलाफ भूख हड़ताल करेंगे। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया, "काले कानूनों की वजह से अन्नदाता भूख हड़ताल कर रहे हैं।"
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच आरएसएस से संबद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने खामियों को दूर करने के लिए कानून में कुछ संशोधन करने का रविवार को सुझाव दिया और जोर देकर कहा कि सरकार इन कानूनों को नेक नीयत से लाई है। एसजेएम द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जानी चाहिए तथा एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए।
इसमें कहा गया कि सिर्फ सरकार ही नहीं निजी कंपनियों को भी एमएसपी से कम दर पर खरीद से रोका जाना चाहिए। एसजेएम के सह-समन्वयक अश्वनी महाजन ने कहा, ‘‘स्वदेशी जागरण मंच को ऐसा लगता है कि खरीद करने वाली कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं। अत: कृषि उत्पाद बाजार समितियों से बाहर खरीद को मंजूरी देने पर किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए और उससे कम में खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए।’’