दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया कि 10 नवम्बर को शहर में कोविड-19 के सवार्धिक 8600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से मामले तेजी से कम हो रहे हैं। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मंगलवार को समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने दी।बैठक के दौरान शाह ने भी राज्यों को अलर्ट किया। पीएम ने इस बैठक में सीएम संग कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की।

सूत्रों की मानें तो दिल्ली के सीएम ने पीएम मोदी से कहा कि कोविड की तीसरी लहर का इतना असर कई कारणों की वजह से पड़ा, जिनमें से सबसे अधिक प्रदूषण जिम्मेदार है। बताया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, ताकि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निजात पायी जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल ने अनुरोध किया कि जब तक शहर में संक्रमण की तीसरी लहर का कहर जारी है तब तक दिल्ली स्थित केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अतिरिक्त एक हजार आईसीयू बिस्तर आरक्षित किए जाएं।

इसी बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दफ्तर की ओर से बताया गया कि सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम को जानकारी दी है कि वह लागातार Serum Institute के अदार पूनावाला के संपर्क में हैं। राज्य ने एक टास्क फोर्स भी तैयार कर ली है, जो कि समय रहके वैक्सीन के वितरण और उसे लगाने से जुड़े प्रोग्राम को सुनिश्चित कराएगी।

मोदी और शाह के अलावा इस मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया। वैसे, पीएम कोरोना पर समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों के साथ बैठकें कर चुके हैं।

बता दें कि देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले पिछले कुछ दिनों से 50,000 के नीचे आ रहे हैं, वहीं कुछ राज्यों में मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ शहरों में तो रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।

बैठक से इतर केंद्र की ओर से लगातार यह प्रयास भी हो रहे हैं कि जब भी कोरोना का टीका उपलब्ध होगा, उसके सुचारू वितरण की व्यवस्था हो सके। भारत में फिलहाल पांच वैक्सीन तैयार होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इनमें से चार परीक्षण के दूसरे या तीसरे चरण में हैं जबकि एक पहले या दूसरे चरण में है।

सबसे पहले करीब 1 करोड़ हेल्थवर्कर्स को लगेगा टीकाः भारत में कोविड-19 का टीका जब भी उपलब्ध होगा उसे सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को लगाए जाएगा, जिसके लिए देशभर के 92 प्रतिशत सरकारी अस्पताल और 55 प्रतिशत निजी अस्पताल आंकड़े प्रदान कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत में पांच टीकों पर काम जारी है, जिनमें से चार का II/III और एक का I/II चरण का ट्रायल चल रहा है।

राज्यों को डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं आदि सहित अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पहचान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है ताकि यह प्रक्रिया और एक सप्ताह में पूरी की जा सके। इससे पहले, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि 2021 की पहली तिमाही तक कोविड-19 का टीका आने की संभावना है। (भाषा इनपुट्स के साथ)