उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी किसान आंदोलन को हल्के में नहीं ले रही है बल्कि इसका मुकाबला करने के लिए एक रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी सूत्रों से ऐसी जानकारी सामने आई है कि पार्टी ने संगठन में मौजूद किसान नेताओं से किसानों के आंदोलन का काउंटर करने के लिए रणनीति तैयार करवाई है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रामबाबू द्विवेदी ने बताया, ’16 से 25 अगस्त तक पार्टी के नेता किसानों के साथ खाट और चबूतरों पर बैठक करेंगे। बड़ी चौपाल की जगह छोटी-छोटी चौपालें लगाई जाएंगी। किसानों की समस्याएं सुनकर उन्हें राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार तक पहुंचाया जाएगा। जिससे कि समस्याओं का समाधान किया जा सके।’ गौरतलब है कि बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राकेश टिकैत के प्रभाव को कम करना है। इसके लिए पार्टी खासकर कुछ बिंदुओं पर काम करेगी जिसमें बीजेपी के किसान नेता किसानों से बात करेंगे। 16 से 25 अगस्त तक अलग-अलग विधानसभा सीटों पर बीजेपी किसान मोर्चा चौपाल लगाएगा जिसमें किसानों से सीधा संवाद करने का काम किया जाएगा।

खास बात यह है कि बड़ी चौपाल की जगह पर छोटी चौपाल लगाई जाएगी जिससे किसानों से सीधे बातचीत की जा सके। छोटी-छोटी चौपालों में किसानों को बताया जाएगा कि अब तक केंद्र और यूपी सरकार ने किसानों के लिए क्या-क्या कारगर कदम उठाए हैं। इसके बाद 25 सितंबर तक किसानों की सभी मांगों और समस्याओं का दस्तावेज तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा।

सूत्रों की मानें तो योगी सरकार ने पहले ही कह दिया है कि वह सितंबर महीने की शुरुआत में ही किसानों की समस्याओं का समाधान कर देगी। जानकारों का कहना है कि इन चौपाल के जरिए बीजेपी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि जमीन पर किसानों के मन में क्या है?

केंद्रीय मंत्री और पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता संजीव बालियान, बीजेपी नेता सुरेश राणा, मंत्री सूर्य सिंह शाही, राज्यसभा सांसद विजय पाल सिंह तोमर और कई दूसरे नेताओं को इन किसान चौपालों की जिम्मेदारी दी गई है। मालूम हो कि यूपी में किसान महंगी बिजली और किसानों के अब तक न किए गए बकाये के भुगतान से परेशान हैं।