भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक भारतीय पत्रकार ने श्रीलंका के एक मंत्री से मुलाकात की और उनसे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बोलने के लिए कहा। मंत्री ने यह कहते हुए बयान देने से मना कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी।

हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। शनिवार को उनका राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहें। औपचारिक स्वागत के बाद हैदराबाद हाउस में राजपक्षे ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले राजपक्षे ने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से मुलाकात की थी। दोनों देशों के पीएम ने संवाददाताओं को भी संबोधित किया था।

सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ कई मंत्री आए हैं। उन्हीं में से एक मंत्री से भारतीय पत्रकार ने मुलाकात के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बोलने के लिए कहा, हालांकि वह अपने प्रयास में नाकाम रहा। स्वामी का आरोप है कि किसी विदेशी नेता से इस तरह के बयान देने के लिए कहना गलत है।

इससे पहले स्वामी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विपक्ष के विरोध को गलत बताया। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। कहा देश के विभाजन के बाद भी पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदू और सिखों को नागरिकता प्रदान किए जाने की बात महात्मा गांधी ने कही थी। उस समय कांग्रेस के कई नेता ऐसी ही बातें कही थीं, लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की इच्छा की वजह से उनकी पार्टी नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) का विरोध कर रही है।