राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के विद्यार्धियों को लेकर आने  वापस बिहार आने को लेकर राजनीतिक गलियारों से बयानबाजी शुरू हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने सीएम नीतीश कुमार से अनुरोध करते हुए कहा कि इस मुद्दे के चलते बिहार में पार्टी का सियासी गणित बिगड़ सकता है।उन्होंने कहा कि बच्चों को राजस्थान के लाना मुख्यमंत्री की ड्यूटी है। बच्चों को वापस ना लाने से सियासी नुकसान भी हो रहा है।

उन्होंने कहा कि भले ही हर पढ़ रहे बच्चों की संख्या भले ही केवल 1000 हो लेकिन इससे एक लाख परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इन परिवारों के साथ लोगों की संवेदनाएं जुड़ी हुई हैं। अगर एक लाख परिवारों में हर परिवार में पांच वोटर भी हैं तो पांच लाख वोट प्रभावित होंगे।  यह इतने बड़े वोट का सवाल है। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोटा और पुणे में फंसे इन बच्चों को वापस लाना चाहिए।

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गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच  बिहार के कई छात्र राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र के पुणे में फंसे हुए हैं। ये छात्र लगातार वापस लाए जाने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में पटना विश्वविद्यालय के सामने कई छात्रों ने नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया था और बच्चों को लाए जाने की मांग की थी। इसके अलावा  अलग-अलग राज्यों में फंसे छात्रों ने भी नीतीश कुमार से उन्हें निकालने की गुहार लगाई है। हालांकि नीतीश कुमार अन्य राज्य की सरकारों की इस  फैसले को लॉकडाउन के साथ अन्याय बताया है।

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