उत्तर प्रदेश के आगरा में एक आठ माह के बच्चे की वक्त पर इलाज ना मिलने के चलते मौत हो गई। बच्चे की नाक से खून बह रहा था। तीन अस्पतालों ने भर्ती से इनकार किया जिसके बाद बच्चे के पिता उसे गोद में लेकर दर-हदर भटकते रहे और इस दौरान बच्चे ने पिता की गोद में दम तोड़ दिया।
मामला आगरा के तेलीपाड़ा इलाके का है। यहां के निवासी बिलाल हमजा के आठ माह के बेटे हमजा गौरी की बुधवार सुबह एसएन मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। एसएन मेडिकल कॉलेज जाने से पहले बेटे व पिता को तीन अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था।
बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि अगर समय पर इलाज पर मिल जाता तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती। बिलाल का कहना है कि जब वह अपने बच्चे को इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचे तो बच्चे को भर्ती करने से पहले उनसे पेपर वर्क पूरा करने के लिए कहा गया। इससे पहले बिलाल पेपर वर्क पूरा कर पाते बच्चे की मौत हो गई।
Corona virus in India Live Updates
प्राइवेट अस्पतालों ने भी कर दिया था मना: परिजनों का कहना है कि पेपर वर्क के चलते कम से कम बेशकिमती 20 मिनट का वक्त बर्बाद हुआ जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई। बुधवार की सुबह जब बच्चे के नाक से खून आना शुरू हुआ तो बिलाल ने तीन अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन इन तीनों निजी अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया। जिसके बाद वह बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल गए।
पुलिस ने खुलवाई दुकान: बच्चे का शव लेकर लौटे परिजनों को लॉकडाउन के चलते कफन नहीं मिल रहा था जिसके बाद पुलिस संपर्क किया गया। पुलिस ने दुकान खुलवाई फिर जाकर कफन मिल सका और शव को सुपर्द ए खाक किया गया।
जानिए कोरोना वायरस के चलते कैसे हैं उत्तर प्रदेश में हालात
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?