बदलते मौसम में लोगों में वायरल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोग सर्दी- जुकाम और खांसी से पीड़ित होते हैं। कभी- कभी इंफेक्शन ज्यादा होने पर लोगों में नाक बंद होने या नाक बहने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इम्यून सिस्टम कमजोर होने की स्थिति में ये स्वास्थ्य समस्याएं बहुत गम्भीर हो सकती हैं। रोजमर्रा के जीवन में अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एवं मौसमी बीमारियों से बचने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद आवश्यक है।
योग एक्सपर्ट और डिजिटल क्रिएटर शनि दयाल योगासनों की मदद से इम्युनिटी बढ़ाने की बात करती हैं साथ ही सर्दी जुकाम से राहत दिलाने वाले कुछ योगासनों के बारे में भी बताया। हाल में ही इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि इन योगाभ्यासों के जरिए सर्दी जुकाम से जल्द राहत मिल सकती है। तो आज हम योग एक्सपर्ट द्वारा बताए गए उन योगासनों के बारे में आपको बताएंगे जिनका अभ्यास करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद हो सकती है।
सर्वांग आसन: इस आसन को करने से पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर, अपनी दोनों हाथों को अपने शरीर के बगल में रख दें। इसके बाद अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ज़मीन से ऊपर की तरफ ले जाएं, बता दें कि इस मुद्रा में पैरों की उंगलियां छत की तरफ होनी चाहिए। अब धीरे-धीरे, पेल्विस को ऊपर उठाएं और जमीन से पीछे हटें। इसके बाद अब अपनी कोहनियों को जमीन पर टिकाते हुए अपने हाथों को कमर पर रखें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में पैर और कमर को सीधा रखना है।
सबसे अहम बात यह है कि आपके शरीर का पूरा भार आपके कंधों और भुजाओं पर हो। पैरों को सीधा रखते हुए अपने पैरों की उंगलियों को नाक की सीध में ले आएं। अंत में लम्बी और गहरी सांस लें। इस मुद्रा में करीब 30 सेकेंड तक बने रहें और उसके बाद धीरे-धीरे पैरों को नीचे की ओर ले आते हुए पूर्व स्थिति में वापस आ जाएं। कम से कम इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
उज्जायी प्राणायाम: इसे भास्त्रिका प्राणायाम भी कहा जाता है। इस योगासन के अभ्यास के लिए किसी योगा मैट या चादर पर बैठ जाएं। शरीर को रिलैक्स होने दें। अपनी श्वास लेने की गति को सामान्य रखें। उसके बाद अपना ध्यान अपने गले पर केंद्रित करें। ध्यान रहे कि जब आपका फोकस पूरी तरह गले पर केंद्रित हो जाए तो धीरे-धीरे सांस लेना शुरू करें और जब सांस लेने की ध्वनि आपको साफ- साफ सुनाई देने लगे तो गहरी और लम्बी सांसें लेना शुरू कर दें। बारी-बारी से नाक के दाहिने और बाएं तरफ से सांस लें। अपनी सुविधा के अनुसार इस प्राणायाम को 10 से 15 बार दोहरा सकते हैं।