जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जब तक किसी को फांसी न होने वाली हो, मैं कभी भी किसी मामले को उसी दिन सूचीबद्ध नहीं करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि आप लोग जजों की हालत नहीं समझते। क्या आपको पता है हम कितने घंटे सोते हैं? जब तक किसी की आजादी दांव पर न हो, उसी दिन सुनवाई की मांग न करें।