वीरेंद्र सहवाग दुनिया के ऑलटाइम बेहतरीन ओपनर्स में शामिल किए जाते हैं। सहवाग जब टीम में चुने गए थे तो वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते थे, लेकिन तत्कालीन भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें ओपनिंग में उतारा और उसके बाद सहवाग की बल्लेबाजी की पूरी कहानी ही बदल गई और वह दुनिया के सबसे विध्वंसक ओपनरों में गिने जाने लगे। गांगुली ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था सहवाग को टीम में चुनने पर ही उनकी आलोचना होने लगी थी। उन्होंने जबरदस्ती वीरू से ओपनिंग कराई थी।
गांगुली ने मशहूर स्पोर्ट्स एंकर गौरव को ‘ऑकट्री स्पोर्ट्स’ यूट्यूब चैनल के लिए इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘जब सहवाग का चयन हुआ था तो लोग कहते थे कि क्यों ले जा रहे हो इसे? वहां तेज गेंदबाज हैं और इसके सिर पर गेंद मारेंगे। मैंने फिर कहा कि हमने उसे खिलाया नहीं। उसे मौका ही नहीं दिया और आपने निर्णय सुना दिया। फिर उसने अपने डेब्यू मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक लगा दिया था। उसके बाद हमारे मध्यक्रम में उसके लिए जगह नहीं बन रहा था।’’
गांगुली ने कहा, ‘‘फिर मैंने उससे कहा कि वीरू देख ग्राउंड के बाहर बैठकर कोई प्लेयर नहीं बना है। तू ओपन कर। कोई पैदाइश ओपनर तो बनता नहीं। अगर मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर कर सकते हैं तो तू भी कर सकता है। इस पर उसने कहा कि मैंने कभी ओपनिंग किया नहीं। दिल्ली के लिए 5-6 नंबर पर खेलता था। आउट हो जाएगा तो क्या होगा? फिर मैंने कहा कि आउट तो नीचे भी हो सकता है।’’
सौरव ने आगे सुनाया, ‘‘उसको खिलाने के लिए ही मैंने नीचे बैटिंग की। नहीं तो वो बेचारा हमेशा 5-6 नंबर पर खेलते रहता। उसने इंग्लैंड में ओपनिंग किया। शतक लगाया था। वह कहता था कि आपने मुझे बीच में नहीं खिलाया। इस पर मैंने कहा कि तू आधा भी प्लेयर भी नहीं होता। तुझे जो लोग वीरेंद्र सहवाग कहते हैं वह नहीं होता। इतनी क्षमता और मैच को जिताने की क्वालिटी बीच में खेलकर नहीं आता।’’