50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) अपनी उदारवादी छवि के लिए मशहूर हैं। कविताई अंदाज में जजमेंट लिखने के लिए मशहूर जस्टिस चंद्रचूड़ का सेंस ऑफ ह्यूमर भी गजब का है। इससे जुड़े कई किस्से हैं। ऐसा ही एक किस्सा एडवोकेट मानसी चौधरी ने अपने ब्लॉग में शेयर किया है। मानसी उस वक्त जस्टिस चंद्रचूड़ की सहकर्मी थीं, जब वो सुप्रीम कोर्ट के जज हुआ करते थे।

मानसी चौधरी ने साल 2019 में जस्टिस चंद्रचूड़ के 60वें जन्मदिन के मौके पर लिखे ब्लॉग में उनसे जुड़े तमाम किसने साझा किए थे। बताया था कि किस तरीके से जस्टिस चंद्रचूड़ अपने सहकर्मियों का ख्याल रखते हैं और अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से सबका दिल जीत लेते हैं।

जब जस्टिस चंद्रचूड़ को पहचान नहीं पाए IAS अफसर  

मानसी लिखती हैं कि जस्टिस चंद्रचूड़ अक्सर ऑफिस में हम लोगों को तमाम मजेदार किस्से सुनाया करते थे। ऐसा ही एक किस्सा तब का है जब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुआ करते थे। एक बार एक सरकारी कार्यक्रम में उन्हें बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया गया। उस कार्यक्रम में जस्टिस चंद्रचूड़ की अगवानी और स्वागत की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ आईएएस अफसर को मिली।

उस IAS अफसर को लग रहा था कि जस्टिस चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) भारी-भरकम काफिले के साथ आएंगे, लेकिन वह बहुत साधारण अंदाज में कार्यक्रम में पहुंचे। वहां पहुंचने पर अफसर ने जस्टिस चंद्रचूड़ को पहचाना नहीं और उसे लगा कि यह चीफ जस्टिस के सेक्रेटरी हैं। आईएएस ने जस्टिस चंद्रचूड़ से सवाल किया- ‘जस्टिस चंद्रचूड़ कहां हैं’?

Justice D.Y. Chandrachud | Danny
अपनी पूर्व सहकर्मी के साथ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Photo Credit – MANASI CHAUDHARI’S BLOG)

आईएएस अफसर के सवाल पर जस्टिस चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ‘पीछे से आ रहे हैं…’ और चुपचाप अंदर चले गए। बाद में जब उस आईएएस को पता लगा तो बहुत शर्मिंदा हुए।

स्कूल के दिनों में ‘डैनी’ पड़ गया था नाम

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) शास्त्रीय संगीत में भी पारंगत हैं और उन्हें यह कला अपनी मां से मिली है। उनकी मां ऑल इंडिया रेडियो पर संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत करती थीं। जस्टिस चंद्रचूड़ को क्रिकेट में भी खासी दिलचस्पी है। स्कूल के दिनों में उनके दोस्त उन्हें ‘डैनी’ कहकर पुकारा करते थे।

चर्चित लेखिका शोभा डे ‘द वीक’ पर अपने कॉलम में लिखती हैं कि चंद्रचूड़ के माता-पिता ने उन्हें बचपन में ‘धनु’ नाम दिया था। मराठी में इसका मतलब होता है मेधावी या तेज-दिमाग वाला।