भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ स्कूल के दिनों से ही मेधावी और दोस्तों के दोस्त रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के करीबी दोस्त उन्हें ‘डैनी’ के नाम से पुकारते हैं। यह जानकारी चर्चित लेखिका शोभा डे ने ‘द वीक’ के अपने एक कॉलम में दी है।
इस कॉलम में उन्होंने बताया है कि लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जब डी वाई चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस शुरू की तो किस तरह देखते ही देखते सबके चहेते बन गए थे।
आपको बता दें कि डी वाई चंद्रचूड़ के पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद लंबे वक्त तक चंद्रचूड़ घर पर ही बैठे रहे क्योंकि उनके पिता ने उनके सामने एक शर्त रख दी थी। भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ ने अपने बेटे डी वाई चंद्रचूड़ से कहा था कि जब तक वह खुद रिटायर हो जाते तब तक वह कानून के पेशे में न आएं। (इस प्रसंग को विस्तार से जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें)
माता-पिता ने ‘धनु’ दिया था नाम
डी वाई चंद्रचूड़ जब स्कूल में थे, तभी उनकी प्रतिभा सामने आने लगी थी। शोभा डे लिखती हैं कि दोस्ते के अलावा चंद्रचूड़ के माता-पिता ने भी उनको खास नाम दिया था और धनु कहकर पुकारते थे। मराठी में धनु का मतलब होता है बहुत प्रतिभावान।
क्रिकेट और संगीत के शौकीन हैं चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की क्रिकेट और संगीत में खास दिलचस्पी है। शोभा डे लिखती हैं कि जस्टिस चंद्रचूड़ के दिल के करीब जो चीजे हैं, उनमें क्रिकेट और शास्त्रीय संगीत शामिल है। आपको बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ को अपनी मां और पिता से शास्त्रीय संगीत विरासत में मिली है। उनकी मां ऑल इंडिया रेडियो पर संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत करती थीं और शास्त्रीय संगीत में पारंगत थीं।
जिस स्कूल से पढ़े हैं, वहीं से निकले हैं सलमान रुश्दी
डी वाई चंद्रचूड़ ने मुंबई के कैथेड्रल स्कूल (Cathedral School) से शुरुआती पढ़ाई की है। यह स्कूल डेढ़ सदी से भी पुराना है। चर्चित लेखक सलमान रूश्दी और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो भी इसी स्कूल के छात्र थे।
कैथेड्रल स्कूल में 8वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पिता के साथ दिल्ली आना पड़ा क्योंकि उनके पिता की सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्ति हो गयी थी। यहां जिस स्कूल में उनका 9वीं में दाखिला कराया गया, उसी स्कूल में सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी पढ़ा करते थे। हालांकि दोनों का सेक्शन अलग-अलग था।
एक इंटरव्यू में अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया था कि स्कूल के दिनों में तो वे डी वाई चंद्रचूड से आगे थे। लेकिन जब दोनों ने एक साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिला लिया, तब चंद्रचूड़ ने सबको पछाड़ दिया था। ग्रेजुएशन में जस्टिस चंद्रचूड़ विश्वविद्यालय के टॉपर थे। जबकि अभिषेक मनु सिंघवी तीसरे पायदान पर आए थे।