अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यह अनुष्ठान पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संपन्न किया गया। देश के लोग इस आयोजन के गवाह बने। अब अयोध्या राम मंदिर की 57 मुस्लिम देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (OIC) ने निंदा की है। मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा पर OIC ने बयान जारी कर कहा है “इस्लामिक स्थल (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त कर बनाए गए मंदिर की हम निंदा करते हैं।”
दरअसल, अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी प्रमुख यजमान थे। उन्होंने व्रत भी रखा था। वे जमीन पर सो रहे थे। वे सिर्फ नारियल पानी ही पी रहे थे। उन्होंने विधि-विधान से अनुष्ठान पूरा किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्होंने प्रभु श्री राम लला को दंडवत प्रणाम कर उनका दर्शन किया। इसके बाद राम लला की आरती की गई।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बाबरी मस्जिद विध्वंस की जगह पर राम मंदिर की कड़ी निंदा की थी। बयान में कहा गया था कि उन्मादी भीड़ ने 6 दिसंबर 1992 को सहियों पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। यह निंदनीय है। भारत के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी घटना के जिम्मेदार लोगों को बरी कर दिया और उसी जगह पर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी भी दे दी।
‘OIC’ ने व्यक्ति की चिंता
अब 57 मुस्लिम देशों के संगठन ‘OIC’ ने अपना पुराना राग अलापा है। ओआईसी के महासचिव ने अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल ही में बने राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आगे कहा “ओआईसी जनरल सचिवालय इसकी निंदा करता है। इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है। बाबरी मस्जिद पिछले 500 सालों से उसी जगह पर खड़ी थी।”
दरअसल, OIC चार महाद्वीपों के 57 देशों का संगठन है। इसमें भारत शामिल नहीं है। यह संगठन लगभग 2 अरब की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। यह संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटर गवर्नमेंटल ग्रुप है। इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब के जेद्दाह में है। इस संगठन में सऊदी अरब का दबदबा माना जाता है।