दालें सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक हैं जिन्हें आप अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डाइट में शामिल कर सकते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दालें बेहद पौष्टिक आहार हैं। इसके पोषक तत्वों की बात करें तो ये प्रोटीन,विटामिन,मिनरल्स और फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं। डायबिटीज के मरीजों को लिए दाल एक बेहतरीन सुपरफूड (superfood) हैं। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि दालों का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है,ब्लड लिपिड में कमी आती है और शरीर का वजन कंट्रोल रहता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है।

नियमित रूप से दालें खाने से ब्लड शुगर के स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज एंड फिटनेस क्लीनिक के डायबिटीज कोच अनुपम घोष के मुताबिक डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए प्रोटीन से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान दें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कौन-कौन सी दालें किस तरह फायदेमंद हैं।

चना दाल का सेवन करें:

डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए चने की दाल का सेवन करें। 100 ग्राम चने की दाल में 17 ग्राम प्रोटीन और 61 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलेगा। डायबिटीज के मरीजों प्रोटीन से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान दें जो इस दाल में मौजूद है। चना दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 है जो बहुत कम है। यह प्रोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर होती है।

मधुमेह मरीज चना दाल को अपनी डाइट में शामिल करें।ये पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। जिसमें प्रोटीन,फाइबर,जटिल कार्बोहाइड्रेट,विटामिन बी,खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिसकी वजह से ये डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा की तरह असर करती है।

उड़द की दाल या ब्लैक ग्राम का सेवन करें:

उड़द दाल में 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 24 ग्राम प्रोटीन होता है। ये दाल डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद मुफीद है। उड़द दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 होता है। ये हाई फाइबर और प्रोटीन से भरपूर है। ये फूड फाइबर से भरपूर होता हैं। यह खाने के बाद के ग्लूकोज स्पाइक को धीमा कर देता है जिससे अधिकांश मधुमेह रोगी जूझ रहे हैं।

लोबिया का सेवन करें डायबिटीज कंट्रोल रहेगी:

एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज लोबिया का सेवन कर सकते हैं। एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर लोबिया में 24 ग्राम प्रोटीन और 54 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलेगा। लोबिया का सेवन डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बेहद असरदार है। उबली और ठंडी की गई दालें “प्रतिरोधी स्टार्च” से भरपूर होती हैं। यह स्टार्च का एक निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्रोत है जो आंत के बैक्टीरिया में सुधार करती हैं जो बदले में इंसुलिन के कार्य में सुधार करता है।

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