बिहार में सीट बंटवारे का पेच फंसा है। सभी अपने-अपने दावे के साथ उम्मीद के उम्मीदवार बने हैं। सीट विभाजन को लेकर माथापच्ची राजग के साथ महागठबंधन भी कर रहा है। राजग के लिए 2019 चुनाव की तरह 2024 में सीटों का बंटवारा आसान नहीं है। बिहार में कुल 40 लोकसभा की सीटें हैं। भाजपा और जद (एकी) ने बीते चुनाव में 17-17 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और छह सीटें लोजपा को दी थीं। उस वक्त यह बंटवारा आसान था। अबकी लोजपा में भी दो गुट हैं। चिराग और पारस का। फिर जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के भी दल हैं।
इन सबको खुश करना थोड़ी टेढ़ी खीर राजनीति के जानकार बताते हैं। जद (एकी) के फिर साथ आने से भागलपुर जैसी सीट फंस गई है। भागलपुर व बांका पर पारंपरिक रूप से भाजपा का दावा रहा है लेकिन पिछली दफा भागलपुर व बांका सीट जद (एकी) की झोली में भाजपा ने डाल दी थी। नतीजतन भागलपुर से अजय मंडल और बांका से गिरधारी यादव को जीत मिली थी लेकिन खबर है कि भाजपा इन दोनों सीटों पर अपना दावा पेश कर रही है। बिहार में ऐसी कई सीटें हैं, जिन पर भाजपा का दावा है और बीते चुनाव में जीती जद (एकी) है लेकिन कुछ सीटें जद (एकी) और भाजपा में अदली-बदली की संभावना से इनकार नहीं जा सकता।
24 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली थी भाजपा
हालांकि नीतीश कुमार के पाला बदलने के पहले भाजपा 24 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी थी लेकिन अब हालात बदले हैं और जिद भी इसी वजह से बनी हुई है। वैसे बिहार भाजपा प्रभारी विनोद ताबड़े ने मंगलवार को हरेक क्षेत्र के पर्यवेक्षकों से अलग-अलग बात की है। सभी ने पांच-छह उम्मीदवारों की सूची सौंपी है। इनमें से तीन-तीन नाम भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति को जाने हैं। बिहार मामले को लेकर केंद्रीय समिति आठ मार्च को बैठने वाली है। लेकिन यह भी तय है कि कई वर्तमान सांसदों के टिकट कटेंगे। यही हाल जद (एकी) का भी है। भागलपुर सीट से नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने दावा किया है। ये फिलहाल जिले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से चार दफा से जद (एकी) के विधायक है।
‘इंडिया’ गठबंधन का भी यही हाल
‘इंडिया’ गठबंधन का भी कमोबेश यही हाल है। राजद इस घटक का प्रमुख दल है। कांग्रेस और तीनों वामदल भी शामिल हैं। इन दलों के बीच भी सीटों का बंटवारा अभी तक साफ नहीं है। सबका अपना दावा है। यह महागठबंधन चाहता है कि जीतने वाले उम्मीदवार राजग के खिलाफ खड़े किए जाएं। तेजस्वी की विश्वास यात्रा में भीड़ और युवाओं के जोश देखकर वे विश्वास से लबालब है लेकिन उम्मीदवार उतारना उतना ही कठिन काम है।
सीटों के बंटवारे को लेकर उनका भी सिरदर्द बढ़ा है। अनुमान सही माना जाए तो 20 राजद, 12 कांग्रेस और बाकी वामदलों के हिस्से सीटें आ सकती है। हरेक दल में पूर्व सांसद, विधायक, वर्तमान विधायक टिकट की होड़ में लगे हैं। पटना-दिल्ली की दौड़ शुरू है। लेकिन सीटों की गांठ सुलझेगी तभी उम्मीदवार तय होंगे।