Neerja Chowdhury
महाराष्ट्र में बारामती लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प हो गई है। बारामती से एनसीपी (शरद पवार गुट) ने सुप्रिया सुले को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने ये सीट एनसीपी (अजित पवार) को दी है और वहां से उप मुख्यमंत्री अजित पवार अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार दिया। ऐसे में अब बारामती सीट हाई प्रोफाइल बन गई है और यहां पवार vs पवार के बीच मुकाबला है।
पहली बार व्यक्तिगत चुनाव हो रहा- सुप्रिया सुले
सुप्रिया सुले ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की और कहा कि यह पहली बार है जब चुनाव इतना व्यक्तिगत हो गया है। सुप्रिया ने कहा, “चुनाव कभी भी व्यक्तिगत नहीं रहा। पहले मेरे किसी भी प्रतिद्वंद्वी ने इसे इस तरह व्यक्तिगत नहीं बनाया था। इस बार हमला दूसरी तरफ से है। मैं निराश हूं। ये मेरी राजनीति नहीं है। मैंने व्यक्तिगत चीजों के बारे में कभी टिप्पणी नहीं की। मैं अपने काम को बहुत गंभीरता से लेती हूं। मैं अपने लिए बीजेपी से लड़ रही हूं। भाजपा की पूरी ताकत के बावजूद उन्हें मेरे खिलाफ लड़ने के लिए केवल एक पवार ही मिल सका। उन्हें अपने कैडर में मुझसे लड़ने के लिए कोई नहीं मिला।”
सुप्रिया सुले ने कहा, “यह बहुत दर्दनाक और अनावश्यक है। मेरा और मेरी भाभी का इससे क्या लेना-देना है? मेरी भाभी हमेशा मेरी भाभी ही रहेंगी। हम 33 सालों से कभी असहमत नहीं हुए। हमने कभी भी एक-दूसरे के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाया। अभी हाल ही में हमने एक-दूसरे से बात करते हुए और आराम करते हुए दो घंटे बिताए। वह एनसीपी की राजनीति में नहीं हैं लेकिन उन्होंने इसे पवार बनाम पवार की लड़ाई बना दिया है। यह एक अकेले पवार के खिलाफ दूसरे पवार के बारे में नहीं है। ना ही शरद पवार या अजित पवार यह चुनाव लड़ रहे हैं। जब लोग इसके बारे में इस तरह से बात करते हैं तो मुझे यह बचकाना लगता है।”
अजित पवार के साथ राजनीति को लेकर बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा, “काम का पूरा विभाजन था। मैंने कभी भी (अजित पवार को दिए गए क्षेत्रों में) हस्तक्षेप नहीं किया। उनके साथ मेरा सभ्य रिश्ता है। अजित पवार छह महीने पहले ही (दूसरे पक्ष में) शामिल हुए हैं।”
अजित ने की थी बगावत
अजित पवार के 53 में से 41 विधायकों के साथ एनसीपी से बगावत करने के बाद पिछले साल पार्टी टूट गई थी। चुनाव आयोग (EC) का फैसला आने के बाद अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न (घड़ी) भी अजित पवार के पास है। हालांकि मामला अदालत में हैं।