देश में विगत वर्षों से कोरोना का खौफनाफ मंजर हम सभी देख चुके हैं। तीसरी लहर की मौजूदगी में लोगों को राहत देने का काम तो दूर, रातोंरात पैसे कमाने की होड़ में आम लोगों के साथ जान माल के साथ खिलवाड़ करने वाले इन समाज के दुश्मनों की फितरत का होना चिंतनीय है। समाचारों के अनुसार वाराणसी में बन रहे नकली कोविड टीके और अन्य माल चार करोड़ रुपए का जब्त हुआ।
उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरोह का भंडाफोड़ कर नकली टीके के साथ नकली कोविड टेस्टिंग किट भी बरामद की। यह समझ से परे है कि लोगों को दूसरों की जान से खिलवाड़ करने में समाज, कानून किसी का डर नहीं?
पिछले साल भी कोरोना महामारी में नकली इंजेक्शन का कारोबार सुर्खियों में रहा। कोरोना महामारी से लोग जैसे-तैसे बाहर आते हैं, पर समाज के इन धनलोलुपों को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं।
कानून प्रक्रिया को मजबूत और संबधित दोषियों को सलाखों के पीछे पहुचने की जरूरत है। यूपी एसटीएफ साधुवाद की पात्र है, जिसने अपनी कर्तव्य परायणता का परिचय देकर सच का आईना बताया। कुछ भी हो, कठोरता पूर्वक कार्यवाही जरूरी है। इन्हें सबक सिखाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
- योगेश जोशी, बड़वाह