
डूबते हुए को बचाना या आग में झुलस रहे किसी को बाहर निकालना या कोई किसी को लूट रहा हो…
डूबते हुए को बचाना या आग में झुलस रहे किसी को बाहर निकालना या कोई किसी को लूट रहा हो…
हमारे शास्त्रीय नृत्यों में उसकी चाल को स्थान भी मिला है। वह कविताओं में है। ‘दादुर मोर, पपीहे बोले’! वर्षा…
हमारे यहां ही नहीं दुनिया भर में जो यह माना जाता रहा है कि तन-मन दोनों निर्मल होने चाहिए, उसके…
वे दिन बहुत पीछे चले गए हैं, जब शहरों कस्बों में इक्के-तांगे दौड़ते थे और साइकिलों पर बड़े-बड़े डॉक्टर इंजीनियर…
सुबह के फूलों की ओर निहारिये तो वे अपने रंग-रूप के सौंदर्य के साथ-साथ एक ताजगी का अहसास कराते हैं।…
इन दिनों जो साहित्य दुनिया की भाषाओं में लिखा जा रहा है, और जिससे हम कमोबेश परिचित हैं, वह कलाओं…
अक्सर सभी प्रदेशों में दिखी है नीम की छाया। हम और कुछ पहचान पाएं या नहीं, नीम, बरगद, आम, पीपल…
कुछ शब्द एक जैसे लगते हैं। इस तरह उन्हें लिखने में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है। इससे बचने के लिए…
गरमी आती है तो आम आते हैं और उन्हीं के साथ आम के बागों की याद आती है। किसी अमराई…
यह कुछ अफसोस की बात है कि आज हम कई बाल-सुलभ चीजें बड़ों में कम पाने लगे हैं। बिस्मिल्ला साहब…
ऐसा लगता है कि अब भाषा की दुर्दशा का कोई अंत नहीं है। वह राजनीति की दुनिया से लेकर सामाजिक…
बाउल गीति ने बंगाल के सांस्कृतिक जगत में बहुत कुछ जोड़ा है। पिछले कई दशकों से बाउल बंगाल के बाहर…