उधर भोर की बेला में किसान उठा था। सिपाही हतप्रभ देखते ही रह गए थे और वह सीखचों को पार…
उधर भोर की बेला में किसान उठा था। सिपाही हतप्रभ देखते ही रह गए थे और वह सीखचों को पार…
मैं अब आश्वस्त था कि मेरे काम का कोई अंत नहीं था। मैं चिरंजीवी था। मेरे पिता का चेहरा मेरे…
मान्यवर मुस्कराए- दाढ़ी कर्म का नहीं, बल्कि मन का पुरुषार्थ है। मन चंगा तो कठौती में गंगा। अर्थात कुछ करो…
हर तरफ से गधों की पुन: इतिहास लिखने की जुर्रत पर वार होने लगा था। पर गधे अड़ गए। पीपल…
आज न्यूज टेलीविजन संयम खो चुका है। वह समाज को कुरेदने का यंत्र बन चुका है। हर चैनल पर ‘एंग्री…
किसी किताब में हमने एक भव्य राजपूत राणा का चित्र देखा था, जिसमें वह अपनी टेढ़ी उंगली पर एक तोते…
अयोध्या में राममंदिर होने का मतलब रामराज्य की वास्तविकता को स्वीकार करना है। रामराज्य लोकतांत्रिक मूल्यों की पराकाष्ठा था। लोकतंत्र…
हम चुप थे। वास्तव में, उन सज्जन पुरुष के तर्क हमारे हलक में जबरन घुस जुबान बाहर खींच लाए थे…
हाल के दशकों में लोकतांत्रिक तानाशाहों ने अपने को वैश्विक मीडिया और नई तकनीक के अनुसार ढाल लिया है। अपनी…
भारत के पास आज सीमित विकल्प है। यह सच है कि चीन की उग्र साम्राज्यवाद के खिलाफ दुनिया के हर…
हमारी झोपड़पट्टी में जब किसी के पास कुछ बच जाता था तो हमें दे देता था। पर नागा तो करना…
यह सच है कि झूठ की हमें लत लग गई है। हमारे प्राकृतिक पूर्वाग्रहों की वजह से यह ललक पैदा…