
भय का राज अफगानिस्तान की जीवन-शैली बन चुका है। अपने हों या पराए, दोनों से उसका रिश्ता डर की नींव…
दशकों से आम लोगों को बताया गया है कि अगर उनके जीवन में समृद्धि की छोटी-सी किरण भी दिखने लगी…
जिस ढंग से मोदी सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को पेश किया है, उससे इसमें साजिश की बू आती है।…
विवेकानंद और गांधी दोनों ने हिंदू धर्म को भाग्यवाद, कर्मकांड या संप्रदायवाद से मुक्त रूप में स्वीकार किया और यह…
कुछ चैनल बताते हैं कि तालिबान सबको ‘माफ’ कर रहे हैं ‘सबकी हिफाजत’ करने की बात कह रहे हैं! लेकिन…
कैसे भुला सकती हूं मैं कि जब बामियान की प्राचीन, आलीशान बुद्ध की प्रतिमाओं को तालिबान सरकार ने उड़ा दिया…
लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के संबोधन की महत्ता जवाहरलाल नेहरू के वक्त से रही है। मैं इसे राष्ट्र…
परसाई के जीवन की यह त्रासदी रही कि आर्थिक परेशानी से वे आजीवन जूझते रहे। इस अभाव ने जहां उन्हें…
विनोबा जब भूदान-पदयात्रा पर थे तो ‘टाइम’ पत्रिका ने अपने आवरण पर उन्हें स्थान देते हुए लिखा कि यह शख्स…
अमेरिका भले दावे करता रहा हो कि उसने लाखों अफगान सैनिकों को प्रशिक्षण दे दिया है और तालिबान से निपटने…
बुधवार को जिस तरह का ठोकतंत्र राज्यसभा में दिखा, वह शायद लोकतंत्र का अंतिम क्षण था! ऐसे ‘लड़ाकू दृश्य’ लोकसभा…
वास्तव में नाले ऐसे विशेष प्राणी हैं, जो बरसात को घर के अंदर सम्मानजनक प्रवेश दिलाते हैं, घर के सामान…