Angulimal
विचार बोध: मन माने की पीर, दूसरों को पीड़ा पहुंचाकर खुश होने की बीमारी है आत्ममुग्ध होना

मन के विकार सुख देते हैं। इसलिए की सुख अपने आप में मन का एक विकार है। मन अपने विकार…

Kubernath
शख्सियत: निबंधों में भारतीय संस्कृति और भारतीय चिंतन के विभिन्न पक्षों की पहचान के अन्वेषक कुबेरनाथ राय

वे कहते हैं कि अगर गांधीजी हिंदू न होते, या भारतीय न होते तो उनकी चिंता और और कर्म पद्धति…

Knowledge
महात्मा बुद्ध की कथा: अहंकार की निशानियां, जब पाप में कोई भी भागीदार नहीं बनेगा, तब पाप किसके लिए?

अंगुलीमाल को तो अपने किए का ज्ञान प्राप्त हो गया था, बहुतों को सालों जेलों में सड़ने, असाध्य बीमारियों से…

Ravivari | Story |
साप्ताहिक कहानी: पहली तारीख और उधार का बोझ, फूंक-फूंक के रखना होगा कदम

इसी उधेड़बुन में पड़ा वह घर पहुंच गया। ‘पापा, मिठाई हमें दीजिए।’ एक साथ बच्चों के स्वर ने उसे याद…

Theater artist Satyadev Dubey
शख्सियत: मंच को जातीय चेतना और कला-परंपरा से जोड़ने वाले प्रयोगधर्मी रंगकर्मी सत्यदेव दुबे

रंगकर्मी सत्यदेव दुबे को 1971 में संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार, 1978 में फिल्म ‘भूमिका’ के सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन के लिए…

सिरफिरा

मैंने देखा, कल उसकी आधे दिन की छुट्टी अंकित थी। मैंने अपने गाल पर तमाचा महसूस किया। उसके चैंबर से…

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