
अगर हम अतीत के बोझ को ढोते रहेंगे तो न केवल हमारी प्रगति बाधित होगी, बल्कि हम उस बोझ को…
यों भी हम नाटक करने में इतने माहिर हैं, अभिनय हमें इतना भाता है कि पल-पल अपना किरदार बदलते रहते…
अब तो विज्ञान ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि अगर आप नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति के समीप पहुंचते…
तर्कसंगतता या तर्कशीलता महत्वपूर्ण है, लेकिन एक आदमी को उसके वास्तविक अस्तित्त्व को घोषित करने के लिए सब कुछ नहीं।…
सरकार हो या बाजार, इन सबके पास महामारी से मरने वालों का आंकड़ा है और उससे लड़ कर जीतने वालों…
जिंदगी चलाने के लिए ठेकेदार का मुरीद होना मेरे लिए एक मजबूरी जरूर है, पर इस तसले को अपने खालीपन…
जन्म से दृष्टिबाधित मनुष्य को प्रकाश की अनुभूति या प्रत्यक्ष संकल्पना नहीं होती है। पर विचार मन की आंखों की…