
औद्योगिक कारखाने हों या यातायात के साधन। सभी को ऊर्जा के लिए के लिए र्इंधन की जरूरत होती है। यह…
मोहन कक्षा में नया विद्यार्थी आया था। एकदम सीधा-सादा बच्चा था। उसके सीधे पन की कुछ बच्चे मजाक बनाया करते…
भोपाल में पिछले दिनों लोकरंग महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम संपन्न हुए। इसकी एक…
भारत की लोकतांत्रिक और कल्याणकारी शासन व्यवस्था में संवैधानिक मूल्यों को लागू करना राज्य की जिम्मेदारी मानी गई है। यानी…
अगर महिला की प्रगति चाहिए तो संस्कार के नाम पर, जो सदियों से लड़कियों को कमजोर बनाए रहने का ढोंग…
अमरकांत का लेखन प्रेमचंद के यथार्थवादी लेखन की अगली कड़ी है, जो आजादी के बाद देश के विकास के ढांचे…
नीला उसे छोड़कर दरवाजे के अंदर चली गई तो वह सड़क पर अकेला हो गया। हालांकि, लोग आ-जा रहे थे।…
अ तिथि के प्रति आदर का भाव भारतीय संस्कृति की मुख्य बातों में से एक है। आज के इस बाजारवादी…
पहले यथार्थ पर व्यंग्य करने के लिए प्रहसन लिखे जाते थे, फिर जब यथार्थ खुद प्रहसन जैसा हो गया तो…
स्त्री के सामाजिक सरोकार महत्त्वपूर्ण न माने जाने के कारण, उसका श्रम भी महत्त्वपूर्ण नहीं माना जाता। इस तरह उसे…
कुछ भाषाओं के साथ पिछड़ा, गंवारू होने की चिप्पी लगा दी गई है। इसलिए लोग उन भाषाओं से अपना संबंध…
जेएनयू क्रांतिकथा में ‘देशद्रोहियों’ के चार-चार वीडियो थे, आग में घी डालने का काम किया। वे हर चैनल पर बजते…