लंबी दूरी की रेलयात्रा आने वाले समय में महंगी हो सकती है, क्योंकि भारतीय रेलवे पुनर्विकसित स्टेशनों पर चढ़ने या उतरने वाले यात्रियों पर स्टेशन विकास शुल्क के रूप में 10 रुपये से 50 रुपये तक प्रभार लगाने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने कहा कि बुकिंग के दौरान ट्रेन टिकट में शुल्क जोड़े जाने की संभावना है, लेकिन ऐसे स्टेशनों के चालू होने के बाद से ही यह शुल्क लगाया जाएगा।
उपभोक्ता शुल्क को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा। सभी वातानुकूलित श्रेणी के लिए 50 रुपये, शयनयान श्रेणी के लिए 25 रुपये और अनारक्षित क्लास के लिए 10 रुपये का शुल्क लगाया जाएगा। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार उपनगरीय रेलयात्रा के लिए स्टेशन विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट भी 10 रुपये महंगा होगा। ‘‘स्टेशन विकास शुल्क (एसडीएफ) ऐसे स्टेशनों पर चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों से लिया जाएगा।’’
एसडीएफ ऐसे सभी स्टेशनों पर एक समान होगा और एक अलग घटक और लागू जीएसटी के रूप में शुल्क लिया जाएगा, जिसके लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि एसडीएफ लगाने से रेलवे के लिए निरंतर राजस्व प्रवाह सुनिश्चित होगा और यह मॉडल रेलवे के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य बन सकेगा, ताकि निजी खिलाड़ियों को आकर्षित किया जा सके।
भारतीय रेलवे में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे के रानी कमलापति स्टेशन और पश्चिम रेलवे के गांधीनगर राजधानी स्टेशन को विकसित और चालू किया गया है।
लोगों को इन ट्रेन में सफर की मंजूरीः इस बीच, तमिलनाडु में बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए 10 जनवरी से उपनगरीय ट्रेनों में उन्हीं को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने कोरोना निरोधक टीकों की दोनों खुराकें ली हैं। दक्षिण रेलवे के दिशा-निर्देशों के अनुसार टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्रियों को चेन्नई क्षेत्र में यात्रा करने की मंजूरी मिलेगी। रेलवे ने परिसर में फेस मास्क नहीं पहने पाए जाने वाले यात्री से 500 रुपये जुर्माना वसूलने की भी चेतावनी दी। दरअसल, कोरोना के चलते में राज्य सरकार ने छह जनवरी से कई तरह के प्रतिबंध लागू किये हैं, जिसके बाद से उपनगरीय ट्रेन सेवा 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल रही है।
CM ने जनशताब्दी एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडीः वहीं, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने त्रिपुरा को मणिपुर से जोड़ने वाली अगरतला-जिरिबाम जनशताब्दी एक्सप्रेस को शनिवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि नयी ट्रेन सप्ताह में तीन दिन- सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलेगी और छह घंटे में 300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस ट्रेन में दो वातानुकूलित कुर्सीयान, द्वितीय श्रेणी के दो कुर्सीयान सह ब्रेक वैन तथा द्वितीय श्रेणी के छह डिब्बे हैं।