प्रश्नपत्र लीक होने की वजह से रविवार को होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के रद्द होने के बाद सोशल मीडिया खासा सरगर्म है। रविवार को एक यूजर ने एक फोटो पोस्ट कर सवाल पूछा कि रात भर खुले आसमान के नीचे रात बिताकर परीक्षा देने की मंशा रखने वालों का क्या कसूर है?

उधर, यूपी पुलिस ने अपने हैडल से तुरंत जवाब पोस्ट कर दिया। इसमें कहा गया कि वायरल फोटो UPTET के अभ्यर्थियों की नहीं है बल्कि राजस्थान के युवकों की है। UPTET के परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर सुविधापूर्वक यूपीएसआरटीसी की बसों से घर भेजा जा रहा है। यह परीक्षा राजकीय व्यय पर पुनः एक माह में आयोजित कराई जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की कि भ्रामक खबर ना फैलाएं।

सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस और योगी सरकार को जमकर कटघरे में खड़ा किया। अभिषेक ने लिखा- अब आप लोग भी फैक्ट चेक करके छोड़ देंगे तो वो भी भ्रम फैलाते रहेंगे, धन्य है यूपी पुलिस। शुभम ने लिखा- मेरे से तो पैसे ले लिए बस कंडक्टर ने यह बोल कर यह आदेश अगली बार के लिए है। दीपक का कहना था कि कृपया करके इस फेक न्यूज़ वाले पर FIR कर अरेस्ट करने की कृपया करे। नही तो ये लोग चुनाव तक ऐसे ही फेक न्यूज़ फैलाते रहेंगे और नफरत फैलाते रहेंगे।

गौरतलब है कि परीक्षा रद्द होने पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है, जबकि विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया- उप्र टेट का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

योगी ने कहा कि एक माह के अंदर पारदर्शी तरीके से पुनः परीक्षा आयोजित होगी। किसी भी अभ्यर्थी से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इसे लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया।