पीएम नरेंद्र मोदी ने आज प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है। इसके साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार एक वर्ग को समझाने में विफल रही। एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कवि कुमार विश्वास ने अपना एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस वीडियो में योग गुरु बाबा रामदेव नजर आ रहे हैं। जिनके सामने कुमार विश्वास ने कहा था कि किसानों पर ज्ञान देने वाले व्हाट्सएप विश्वविद्यालय के महारथियों, फेसबुक क्रांतिवीरों, कीबोर्ड भगत सिंहों। किसान और सरकार आपस में संवाद करें, इसके बाद रास्ता निकले ऐसी मेरी शुभकामनाएं हैं।
कुमार विश्वास ने कहा था, इस अन्नदाता ने तुम्हें इतना योग्य बनाया है कि तुम किसी के सामने कटोरा लेकर अनाज मांग नहीं रहे हो बल्कि उन्हें आनाज भेज रहे हो। कुमार विश्वास के इस वीडियो पर कई ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता डॉली शर्मा ने लिखा- आपने बिल्कुल सही कहा… भाजपा की व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से न जाने अन्नदाता पर क्या-क्या तोहमत लगाई। आखिर सच की जीत हुई।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा…PM मोदी के ऐलान के बाद आई राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया, रखी शर्त
अजय मौर्या (@maurya_hindu) टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि किसानों की जीत और सरकार की हार हुई है। चंदन राज (@chandan54) नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली। इस आंदोलन में जो किसान शहीद हुए हैं उनकी शहादत अमर रहेगी। यह देश याद रखेगा कि किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानों को बचाया था।
रवि प्रकाश सिंह (@raviprsingh) ने लिखा कि देर आए पर दुरुस्त आए। लोकतंत्र में अगर एक भी असहमति है तो उसका आदर और सम्मान होना चाहिए। सुनील धाकड़ (sunildhakad525) नाम के ट्विटर अकाउंट से कमेंट आया कि किसानों का भविष्य क्या होगा ये तो नहीं पता…. लेकिन कृषि कानून वापस लेकर मोदी ने राजनीति में कई लोगों का भविष्य जरूर बर्बाद कर दिया है।
जीता अन्नदाता हारा अहंकार- कृषि कानून वापस होने पर सोशल मीडिया में आ रही ऐसी प्रतिक्रियाएं
गौरतलब है कि पिछले साल बनाए गए तीन कृषि कानूनों के बाद किसानों ने अपना आंदोलन शुरू किया था। इस दौरान केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत भी हुई लेकिन उससे कोई हल नहीं निकला। किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। जिसमें कई जगह हिंसा और उपद्रव होने के बाद दिल्ली पुलिस ने कई किसानों पर एफआईआरदर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।