भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रवक्ता व प्रमुख मुसलिम चेहरा शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार में राजग गठबंधन नीतीश कुमार की अगुआई में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उनका दावा है कि नीतीश कुमार की अगुआई में राजग सरकार ने साबित कर दिया कि बिहार में उद्योग संस्कृति विकसित हो सकती है। देश में एथेनाल के उत्पादन में बिहार अग्रणी राज्य बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उनकी छवि खराब कर रहा है। अपराध की घटनाओं पर कहा कि जो भी मामले हैं उन पर कार्रवाई हुई है, अब बिहार में अपराध का सत्ता से गठजोड़ नहीं है।नई दिल्ली में कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज की शाहनवाज हुसैन के साथ बातचीत के चुनिंदा अंश।
सबकी नजर अब बिहार की तरफ है। बताएं बिहार में क्या हो रहा है और आगे क्या होगा?
शाहनवाज हुसैन: बिहार राजनीति का गढ़ है, इसलिए वहां के चुनाव की चर्चा देश के अन्य राज्यों की तुलना में दस गुणा ज्यादा होती है। इस बार राजग के गठबंधन में भाजपा, जद (एकी), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), माझी जी और कुशवाहा जी की पार्टी चुनाव लड़ेगी। 2014 में हम लोकसभा की तकरीबन सभी सीटें जीते थे, सिर्फ भागलपुर, बांका, कोसी, सीमांचल की सीटें हार गए थे। 2015 में हम उतने मजबूत नहीं रहे क्योंकि नीतीश कुमार, लालू यादव के साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे थे। 2020 के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, नीतीश जी को थोड़ी कम सीटें आईं, लेकिन तय प्रतिबद्धता के तहत नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने। हम 2010 में जिस तरह 200 से ज्यादा सीट जीते थे, इस बार भी जीतेंगे। पिछली बार चिराग पासवान के अलग लड़ने से हमारी सीटों पर असर पड़ा था। अब वे लौट आए हैं तो उम्मीद है कि साथ लड़ेंगे।
यह उम्मीद तब भी जब चिराग पासवान कह रहे हों कि सारी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे? उन्होंने तो विधानसभा चुनाव लड़ने और सामान्य सीट से लड़ने की भी बात कही थी।
शाहनवाज हुसैन: चिराग पासवान लोकसभा में पांच सीटों पर लड़े लेकिन चुनाव प्रचार तो हर जगह किया। वे उस हर सीट पर गए जहां भाजपा लड़ रही थी। इस बार भी लड़ना तो सबको 243 सीट पर ही पड़ेगा। बिहार के पास सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री हैं। हमारे विरोधी नीतीश कुमार कोहमारी कमजोरी बताते हों, लेकिन हम उन्हें अपनी संपत्ति मानते हैं। हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगे।
जीत किसकी होगी, भाजपा या राजग की?
शाहनवाज हुसैन: राजग की।
देश की मौजूदा राजनीति की दिशा पहली बार बिहार से ही बदली थी। क्या आपको लगता है कि आगामी चुनाव बिहार में कोई नया मोड़ लाएगा। अभी तक भाजपा वहां अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। क्या कुछ बदलेगा?
शाहनवाज हुसैन: हम तो राजग के बंधन में ही लड़ने वाले हैं। अभी तो हमने अपने दम पर लड़ने या भाजपा के मुख्यमंत्री की बात कही ही नहीं है।
भाजपा के पास बिहार में अपना कोई साख वाला चेहरा भी तो नहीं है। इसलिए आपको नीतीश कुमार को ही आगे करना पड़ता है। अगर नीतीश कुमार आपके साथ नहीं हैं तो आपके चुनाव जीतने की कोई गारंटी नहीं है।
शाहनवाज हुसैन: यह सही है कि नीतीश कुमार के साथ होने से हमारे जीतने की गारंटी बढ़ जाती है। उन्होंने बहुत काम किया है और अति पिछड़ों में उनकी पैठ है। वे बिहार को जंगलराज से बाहर निकाल कर लाए। आज आपको सबसे अच्छी सड़कें बिहार में मिलेंगी। आप बिहार में कहीं से भी चार घंटे में पटना पहुंच सकते हैं।बिजली एक मिनट के लिए नहीं जाती है, पानी की आपूर्ति सही है। कानून-प्रशासन ठीक है। अभी एक घटना घट गई जिसमें मुठभेड़ भी हुई और अपराधी पकड़ा गया। आज महिलाएं आधी रात में कार और स्कूटी से पटना में चल सकती हैं।
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अगर तब जंगलराज था, तो आज क्या कहेंगे जब पांच लोगों को डायन के आरोप में मार डाला गया। राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो के आंकड़े भी बिहार में अपराध की स्थिति को चिंताजनक बताते हैं।
शाहनवाज हुसैन: बिहार में तरक्की होने के बाद जमीन की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं जिससे जमीन विवाद बढ़ गया है। वहां जमीन की कीमत नोएडा व दिल्ली से ज्यादा है। जमीनी विवाद को लेकर थोड़ा अपराध बढ़ा है। लेकिन पहले जंगल का राज था और अब पूरी तरह से कानून का राज है।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि नीतीश कुमार थके हुए दिख रहे हैं।
शाहनवाज हुसैन: नीतीश कुमार अनुभवी हैं। 74 के करीब उम्र होने के बाद इतनी मेहनत करते हैं, सुबह आठ किलोमीटर पैदल चलते हैं, नौ बजे अपने दफ्तर पहुंच जाते हैं। वहीं तेजस्वी यादव को देख लीजिए। क्या वे किसी भी तरह से ‘स्पोर्ट्समैन’ दिखते हैं। किसी आदमी की एक-दो बार जुबान फिसल जाए तो इससे उसकी पूरी छवि खराब कर देने की साजिश नहीं रचनी चाहिए।
पिछले दिनों उनकी भाव-भंगिमा पर सवाल उठे थे। राष्ट्रगान के दौरान चल देना, किसी अधिकारी के सिर पर गमला रख देना। इससे सवाल तो उठ रहे हैं।
शाहनवाज हुसैन: जिस अधिकारी के सिर पर गमला रखा था, वे उनके चहेते अधिकारी हैं। नीतीश कुमार ने मजाक में ऐसा किया था। अब मजाक को मुद्दा बना दिया।
तो आपको लगता है कि नीतीश कुमार की सुशासन बाबू वाली छवि कायम है?
शाहनवाज हुसैन: जी पूरी तरह से। सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए 35 फीसद का आरक्षण कैबिनेट में पास किया। साथ ही अधिवास की नीति ले आए। पुलिस में पहले से किया हुआ था। अभी पेंशन बढ़ा कर 1100 कर दी। बिहार में लोगों को नौकरियां मिल रही हैं।
तेजस्वी यादव का दावा है कि नौकरियां तो उन्होंने दीं।
शाहनवाज हुसैन: तकनीकी रूप से उपमुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री ही होता है। बस एक पदनाम दिया जाता है। आज तो प्रशांत किशोर भी दावा कर रहे हैं। क्या प्रशांत किशोर मोतीपुर गए? बिहार में एक साल उद्योग मंत्री रहने के दौरान हमने एथेनाल नीति बनाई। नीतीश कुमार ने शुरुआत की और एथेनाल के 17 संयंत्र लगे। आज मक्के की कीमत 900 से 2400 हो गई है। किसानों की आमदनी सबसे ज्यादा बिहार में बढ़ी है और उद्योग-मंत्री के तौर पर हमने बढ़ा कर दी। आज आपके अखबार के जरिए मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि एथेनाल उत्पादन में बिहार पहले नंबर पर है। बिहार में मक्के की तीन फसल होती है और यही वजह है एथेनाल उत्पादन की। आप बक्सर के नवानगर में जाइए। जहां पहले जंगल था अब वहां पेप्सी का संयंत्र है। कोका कोला का बाटलिंग संयंत्र है, एथेनाल संयंत्र है। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में चार एथेनाल संयंत्र और एक मेगा फूड पार्क है। बेगूसराय में पेप्सी का बाटलिंग संयंत्र है। मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक संयंत्र में 44000 महिलाएं काम कर रही हैं। कौन कहता है कि बिहार में उद्योग नहीं लग सकते हैं। बांग्लादेश में नामी कंपनियों की शर्ट बनती थी। अभी बांग्लादेश के दुनिया से संबंध अच्छे नहीं हैं। बिहार के सारे कुशल दर्जी इस क्षेत्र में बांग्लादेश को चुनौती दे सकते हैं। हमने ‘प्लग एंड प्ले’ की अवधारणा रखी। आइए, मशीन लगाइए और काम शुरू कीजिए। क्या तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर को यह नहीं कहना चाहिए कि बिहार एथेनाल का ‘हब’ बन गया है? नीतीश कुमार बिहार को गड्ढे से बाहर निकाल लाए हैं। यहां उद्योग-संस्कृति विकसित हो चुकी है।
फिर भी लोग बिहार छोड़ कर बाहर चले जाते हैं। किसी भी आपदा के समय बिहार के प्रवासियों की स्थिति सामने आती है।
शाहनवाज हुसैन: मैं मानता हूं कि पूरा देश एक है। किसी को, कहीं भी काम करने का हक है।
आप कह रहे हैं कि सरकारी नौकरियों में बिहार के लोगों को प्राथमिकता देंगे। ऐसा सभी राज्य कर रहे हैं। फिर पूरा देश एक कैसे रहेगा?
शाहनवाज हुसैन: सरकारी नौकरियों में हर राज्य अपने यहां के लोगों को प्राथमिकता देता है। लेकिन निजी क्षेत्रों में कुशल कामगारों की जरूरत होती है। अच्छी पढ़ाई के लिए आप लंदन, अमेरिका जा सकते हैं तो दिल्ली, बंगलुरु क्यों नहीं जा सकते हैं? पटना की आइआइटी में कोई महाराष्ट्र का विद्यार्थी आएगा तो उसका पूरा सम्मान होगा। क्या प्रशांत किशोर बाहर नहीं गए थे? वे और राज्यों में जाकर चुनाव प्रबंधन करें तो ठीक? बिहार के प्रतिभाशाली बच्चों को दूसरे राज्यों में मौका मिलेगा तो क्या वे कसम खा लेंगे कि हम बाहर नहीं जाएंगे? महाराष्ट्र में हिंदीभाषियों को जो लोग पीट रहे हैं वे राजनीति के डूबे हुए सितारे हैं।
भाजपा के सांसद ने भी तो कह दिया कि महाराष्ट्र के लोग बिहार में आएंगे तो ‘पटक-पटक’ कर मारेंगे।
शाहनवाज हुसैन: वे हमारे ‘फायर ब्रांड’ सांसद हैं। उनके मुंह से किसी वजह से ऐसा निकल गया। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है चाहे वह हिंदीभाषी हो या फिर महाराष्ट्र का हो।
पूरे देश में महिला मतदाता राजनीति की नई उम्मीद हैं। लेकिन, उनके वोट से सत्ता में आने के बाद उन्हें नाउम्मीद किया जाता है। पैसे की तंगी का रोना रोया जाता है। महाराष्ट्र, दिल्ली के बाद अब बिहार में भी यही प्रयोग है।
शाहनवाज हुसैन: बिहार में हमने देना शुरू कर दिया है। पेंशन को बढ़ा कर 1100 किया गया। बिहार में सभी समाज के लोग हमारे साथ हैं। राजद व अन्य मुसलिमों को भाजपा से डरा कर वोट लेते हैं। वक्फ पर हमने इनकी साजिशों को नाकाम किया। मेरा अनुभव है कि इस बार मुसलिम भी मोदी-नीतीश जी के साथ चलने के लिए तैयार हैं?
मुसलिम पहले नहीं थे मोदी जी के साथ? अब क्यों मिलेगा मुसलिमों का वोट?
शाहनवाज हुसैन: सबका साथ, सबका विकास के कारण। भारतीय मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश, हिंदुओं से अच्छा दोस्त और मोदी जी से अच्छा नेता नहीं हो सकता।
आप कह रहे, विपक्ष मुसलिमों को आपके खिलाफ करता है। भाजपा भी तो हिंदू-मुसलिम की राजनीति करती है।
शाहनवाज हुसैन: हिंदू-मुसलमान के मुद्दे को हम चिमटे से भी नहीं छूते हैं। यह विपक्ष का काम है। जो इस देश से प्यार करेगा भाजपा उसे अपनी छाती से लगाएगी। भाजपा की हर योजना देश के सभी नागरिकों के लिए होती है।
योगी आदित्यनाथ ने तो कहा था कि यह 80-20 की लड़ाई है?
शाहनवाज हुसैन: यह अनुपात उन्होंने वोट बैंक के लिए कहा था। उन्होंने किसी का नाम लिया था क्या?
आपको नहीं लगता कि भाजपा में मुसलिमों को लेकर उतनी सहजता नहीं है।
शाहनवाज हुसैन: भाजपा के मन में मुसलिमों के प्रति नफरत होती तो मैं क्यों रहता पार्टी में? मुझे कभी ऐसा नहीं लगा।
आरोप है कि आप जैसे कुछ मुसलिम चेहरों को भाजपा ने सजावटी तौर पर रखा है।
शाहनवाज हुसैन: हम सजावटी नहीं, असली, जमीनी चेहरे हैं।
क्या ऐसा लगता है कि भाजपा में आपको जो मिलना चाहिए था उसमें कुछ कमी रह गई?
शाहनवाज हुसैन: कोई कमी नहीं रही। मुझे पार्टी ने 32 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनाया। छह बार लोकसभा का टिकट दिया। तीन बार सांसद रहा, भारत सरकार में मंत्री रहा। अब कार्यकर्ता बन कर काम करना है।
भाजपा कह रही है कि नीतीश कुमार का जलवा अभी भी कायम है। लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हुए सर्वेक्षण में उनसे आगे चिराग पासवान निकल गए। तेजस्वी यादव सबसे आगे हैं।
शाहनवाज हुसैन: ये सर्वेक्षण करने वाले कोई संवैधानिक संस्था नहीं हैं। जिनकी चार या आठ फीसद आबादी है उनका नाम डाल दे रहे सर्वेक्षण वाले। मेरी आबादी 18 फीसद है तो मेरा नाम डाला क्या? सिर्फ इसलिए कि मैं मुसलिम हूं मेरा नाम नहीं डाला। अगर मेरा नाम डाला होता तो कुछ फीसद मुझे भी मिल जाता।
भाजपा इतनी संगठित पार्टी है, संघ का भी सहयोग है। फिर आपको छोटे-छोटे सहयोगी दलों की जरूरत क्यों होती है?
शाहनवाज हुसैन: हम लोकतांत्रिक पार्टी हैं। गठबंधन की राजनीति में हम सबसे ईमानदार हैं। जो हमारे साथ एक बार जुड़ता है, वो हमें छोड़ना नहीं चाहता।
प्रशांत किशोर को कैसे रोकेंगे?
शाहनवाज हुसैन: वो तो रुके हुए ही हैं। वे लड़ाई में कहीं नहीं हैं।
चुनाव में भाजपा की निर्भरता नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ज्यादा नहीं हो जाती है?
शाहनवाज हुसैन: क्यों नहीं होगी। हमारी मजबूती नरेंद्र मोदी हैं और कांग्रेस की कमजोरी राहुल गांधी हैं।
क्या आप विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं?
शाहनवाज हुसैन: मैं कई बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुका हूं। हालांकि अभी तो मैं जवान हूं। पार्टी ने मुझे कार्यकर्ता के रूप में काम दे रखा है। पार्टी मुझे जो काम देगी वही करूंगा। मैंने कभी भी अपने लिए कोई निर्णय खुद से नहीं लिया।