कहावत है कि आपके दांतों से आपकी सेहत का अंदाजा लग जाता है। जब आपको बुखार या कोई अन्य समस्या होती है, तो कई डाक्टर आपकी जीभ और दांतों को भी देखते हैं। अगर दांत चमकते हुए और मजबूत हों, तो खाने पीने का आनंद बढ़ जाता है।

जिन लोगों के दांत कमजोर हैं, उनमें खोखल या बीच में फांक है, तो उन्हें खाने पीने में कई तरह की मुश्किलें आती हैं। दांतों में फंसा भोजन बैक्टीरिया पैदा करता है, जिससे मुंह में पायरिया और बदबू की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए दांतों की नियमित देखभाल बहुत जरूरी है।

दांतों की देखभाल पर ध्यान बचपन से ही दिया जाना चाहिए। अक्सर बच्चों के मुंह और दांतों की सफाई पर उचित ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे उनके दांतों में कीड़े लग जाते हैं। कई माता-पिता मानते हैं कि बच्चों के दूध के दांत गिरने के बाद नए निकले दांतों की साफ-सफाई पर ध्यान अधिक देना चाहिए, क्योंकि वही स्थायी होते हैं। यह एकदम गलत धारणा है।

दरअसल, पीछे के दांत दुबारा नहीं, निकलते और दांतों की समस्या उन्हीं से अधिक शुरू होती है। सामने के दांत तो फिर भी दिखाई देते हैं, इसलिए उनकी सफाई का ध्यान रख लिया जाता है, मगर पीछे के दांतों तक न तो ब्रश ठीक से पहुंच पाता है और न उनमें फंसी चीजें दिखती हैं, इसलिए लापरवाही हो जाती है। उन्हीं दांतों में खोखल बनना शुरू हो जाता है, जो जीवन भर तकलीफ देता है। भारत में करीब पचास फीसद लोग किसी न किसी प्रकार की मुंह संबंधी स्वास्थ्य की समस्या से परेशान हैं। मुंह और दांतों की सफाई को लेकर लगातार सावधान रहने की हिदायत दी जाती है, इसके बाद भी लोग अपने दांतों को लेकर अक्सर लापरवाह रहते हैं।

जब तक किसी को बहुत ज्यादा दांत की समस्या न हो जाए, वह डाक्टर के पास दांत दिखाने नहीं जाता। अगर आप अपनी रोज की जिंदगी में कुछ खास बातों का ध्यान रखेंगे और कुछ अच्छी आदतें अपनाएंगे तो आसानी से दांतों को सेहतमंद रखा जा सकता है। उम्र चाहे कोई भी हो, दांतों का खयाल रखना जरूरी होता है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ समस्या भी बड़ी बन जाती है। दांतों की परेशानी पूरी शरीर पर असर डाल सकती है। दांतों की देखभाल के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

पानी पीते रहें

पानी शरीर को कई बीमारियों से बचाता है, इससे दिन में कम से कम छह लीटर पानी पीना चाहिए। पानी पीते रहने का एक फायदा यह भी है कि इससे दांतों को साफ रखने में मदद मिलती है। कुछ भी खाने के बाद पानी से कुल्ला करना चाहिए, क्योंकि इससे दांत में फंसा खाना बहार निकल जाता है और मुंह से बदबू नहीं आती।

फलों का सेवन

अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि पके हुए भोजन के अलावा अपने आहार में मौसमी फल और खीरा, गाजर जैसी कच्ची सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए। ये सारी चीजें आपके दांतों को प्राकृतिक रूप से साफ करते और मसूड़ों की समस्या को दूर करते हैं। गाजर, चुकंदर, मूली जैसी सब्जियों से दांतों को मजबूती मिलती है।

स्टार्च से बचें

हमें खाने में स्टार्च की मात्रा को कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि स्टार्च से बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो दांतों को खराब करने की वजह बन सकते हैं।

ठंडा और गर्म भोजन

भोजन करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि न तो ज्यादा ठंडा और न ही ज्यादा गर्म चीज का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इससे दांत जल्दी खराब हो सकते हैं। अगर आप कुछ ठंडा खा रहें हैं तो उसके एकदम बाद गर्म चीज खाने से बचें। इससे दांतों के नसों में समस्या हो सकती है।

पायरिया को पहचानें

जब भी मसूड़ों से खून आने लगे तो तुरंत दंत चिकित्सक से संपर्क करें, क्योंकि मसूड़ों से खून आना पायरिया के लक्षण होते हैं। अगर आप सेहतमंद दांत चाहते हैं तो आपको कभी देर तक भूखे नहीं रहना चाहिए। दांतों और मुंह को साफ करने के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और माउथवाश का इस्तेमाल करें। दांतों की सफाई के साथ रोजाना जीभ की भी सफाई जरूर करें। जीभ की सफाई के लिए आप टंग क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

रात को सोने से पहले अपने मुंह को अच्छी तरह साफ करके सोना चाहिए, ऐसा करने से दांतों में जमा खाना बहार निकल जाएगा। इसके अलावा, रोजाना अपने मुंह की जांच करें। अगर आपको मुंह में किसी भी तरह की सूजन, कटने के निशान या कोई धब्बा नजर आए, तो चिकित्सक से संपर्क करें।

नियमित जांच

साल में कम से कम दो बार अच्छे दंत चिकित्सक से अपने मुंह और दांतों की जांच जरूर करवाएं। इस तरह मुंह और दांतों की समस्याओं को बढ़ने से रोक सकते हैं। हमारा मुंह एक शीशे की तरह होता है, अगर शीशे पर एक भी दाग आ जाए तो उसमें चेहरा धुंधला दिखने लगता है, ठीक वैसे ही अगर हमारा एक भी दांत खराब हो जाए तो वह मुंह के सारे दांतों को नष्ट कर सकता है, इसलिए समय-समय पर जांच कराना चाहिए।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)