सेहत को लेकर हालिया दशक में जो जागरूकता बढ़ी है, वह कोरोना संकट के दौर में काफी बढ़ गई है। परेशानी बस यह है कि घर से बाहर की चहलकदमी कम होने के कारण अब लोगों का ज्यादा जोर सेहतमंद भोजन और उन देसी नुस्खों पर है, जिनके इस्तेमाल से श्वसन और पाचन तंत्र सुचारू तौर पर कार्य करते हैं। पर इतना भर पर्याप्त नहीं है। शरीर के लिए चलना-फिरना और बाहरी आबोहवा भी जरूरी है। अब जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने के बाद जनजीवन थोड़ा सामान्य हो चला है तो दूरी और मास्क जैसे एहतियात के साथ सुबह-शाम की सैर पर लोगों के निकलने का सिलसिला शहरों में फिर से शुरू हुआ है।
सेहतमंद आदत
पैदल चलना एक सेहतमंद आदत है। इस बारे में कई तरह के शोध भी हुए हैं। दरअसल, चलना एक ऐसी शारीरिक क्रिया है जिससे पूरे शरीर का व्यायाम एक साथ हो जाता है। पारंपरिक तौर पर सुबह की सैर को सर्वोत्तम माना गया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर आप किन्हीं वजहों से सुबह की सैर नहीं कर पाते हैं तो फिर आप सैर कर ही नहीं सकते। आपको अपनी दिनचर्या के हिसाब से जब भी वक्त मिले चलने के लिए थोड़ा समय निकालना चाहिए। वैसे तेज गर्मी और उमस के दिनों में सुबह की सैर ही सबसे अच्छा विकल्प है।
शुरुआती कदम
अगर आप पहले से पैदल चलने की दिनचर्या का पालन नहीं कर रहे हैं तो शुरुआत में आप थोड़ा कम भी चल सकते हैं। यह अभ्यास धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। शुरू में आप तीन किलोमीटर चल रहे हैं तो एक-दो हफ्ते में उसे बढ़ा कर चार या पांच किलोमीटर भी कर सकते हैं। लेकिन यह सब शरीर की ऊर्जा और क्षमता के अनुपात में ही करना चाहिए। सैर के वक्त शरीर को जरूरत से ज्यादा थका लेंगे तो आप बाकी समय थकान महसूस करते रहेंगे और आपकी कार्यक्षमता भी प्रभावित होगी।
वैसे तो लोगों को जिस तरह के कपड़े पहनने की आदत होती है वही उनके लिए सबसे आरामदायक होता है। लेकिन कसी जींस या साड़ी जैसे कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए। सलवार-कुर्ता या ट्रैक सूट जैसे कपड़े चलने के लिए आरामदयक होते हैं। नियमित सैर पर जाने वालों को अपने जूतों पर खास ध्यान देना चाहिए। सैर पर जाने वालों के लिए बाजार में कई तरह के अच्छे जूते हैं। आप इनमें से अपने लिए बेहतर चुनाव कर सकते हैं।
आदत में करें शुमार
घर हो या दफ्तर कहीं पर भी हमें चलने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहिए। संभव हो तो लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। आसपास की जगहों पर जाने के लिए वाहन का सहारा नहीं लें, पैदल ही जाएं। इन दिनों कई दफ्तरों में ‘वाकिंग मीटिंग’ का भी चलन है, जिसमें सहयोगी खुली जगह पर टहलते हुए सारे मसले तय करते हैं। अगर घर पर हैं तो एक जगह बहुत देर तक नहीं बैठें और थोड़ा चल लें। कुल मिलाकर आपको किसी तरह की शारीरिक दिक्कत नहीं है या कोई खास चिकित्सकीय दिशानिर्देश नहीं है तो कहीं भी चलने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहिए।
शोध और सलाह
– एक आम स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजाना चालीस से लेकर अस्सी मिनट तक के पैदल चलने को आदर्श माना जाता है।
– स्वास्थ्य पत्रिका ‘द लैंसेट’ में छपे एक शोध के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बीस मिनट भी चलता है तो उसके शरीर में शर्करा का स्तर संतुलित रह सकता है।
– पैदल चलने से एंडोर्फिन नाम के हार्मोन का स्राव होता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह हार्मोन हमारे शरीर को खुश रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
– कोरोनाकाल में लोगों में अवसाद की समस्या काफी बढ़ गई है। एक शोध के मुताबिक अगर दिन में आदमी तीस मिनट भी न्यूनतम चले तो इससे अवसाद में जाने का खतरा 36 फीसद कम हो जाता है। साथ ही इससे दिमागी स्फूर्ति भी बढ़ जाती है।
– इसके अलावा पैदल चलने से हड्डियों को मजबूती मिलती है और गठिया जैसी समस्या नहीं घेरती है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)